बड़ी कमाई के लिए नजरें इंटरनेट डेटा पर, 4जी आने से मिलेगी राहत

नई दिल्ली. देश का दूरसंचार सेवा उद्योग 100 करोड़ कनेक्शनों के करीब पहुंच रहा है। ऐसे में अब उद्योग के लिए राजस्व संग्रहण का प्रमुख स्रोत इंटरनेट डेटा के रूप में उभरकर सामने आया है। हालांकि, 2014 में इस तरह की सेवाआें के शुल्क में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस साल की शुरुआत में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 91.5 करोड़ थी। 2014 का अंत आते-आते यह करीब 100 करोड़ के पास पहुंच गई है।
दूरसंचार क्षेत्र की विभिन्न कंपनियां अपना राजस्व आधार बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाश रही हैं। इंटरनेट डेटा एक ऐसे क्षेत्र के रूप में उभरा है जिसके जरिये दूरसंचार कंपनियां भविष्य में काफी उम्मीद कर रही हैं। ग्राहकों के बीच भी मोबाइल इंटरनेट को लेकर रुचि लगातार बढ़ रही है। साल के अंत में एयरटेल ने वीओआईपी एप्लिकेशंस के जरिये इंटरनेट कॉल्स के लिए अतिरिक्त शुल्क लेने की घोषणा की। लेकिन जनता की नाराजगी के बाद उसने अपना यह फैसला वापस ले लिया।
अब ज्यादा से ज्यादा दूरसंचार कंपनियां ऐसी सेवाओं के लिए शुल्क लेने की तैयारी कर रही हैं। ऐसे में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) मेसेजिंग व कॉलिंग एप्लिकेशंस के लिए जल्द नियमन लेकर आ सकता है। 2014 में दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने से काफी लाभ हुआ। व्हाट्सएप, फेसबुक, स्काइप जैसी एप्लिकेशंस से ग्राहकों का रूझान मोबाइल इंटरनेट की ओर बढ़ा। इन एप्लिकेशंस से हालांकि उपभोक्ताओं का फोन का बिल कम हुआ।
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