स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लिए चीन से आएंगे 25 हजार पीतल के टुकड़े

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By - haribhoomi.com |20 Oct 2015 6:30 PM
लारसन एंड टर्बो कंपनी ने गुजरात सरकार से 3000 करोड़ में इस प्रतिमा को बनवाने का कॉंट्रेक्ट किया था।
नई दिल्ली. दो साल पहले सरदार वल्लभभाई पटेल की 138वीं जयंती के अवसर पर नर्मदा नदी के तट पर स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण का शिलान्यास तत्काल गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने किया जो वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री हैं। उस दौरान यह घोषणा की गई थी कि सरदार सरोवर बांध के निकट सरदार पटेल की 182 मीटर की विराट प्रतिमा का शिलान्यास किया जाएगा। इस पर गुजरात सरकार ने कहना है कि साल के आखिर में हजारों चीनी कारीगरों को नर्मदा नदी के साधु बेट पर बुलाया जाएगा। इसके बाद वे पटेल की प्रतिमा बनाने का काम शुरू करेंगे।
लेकिन सरदार पटेल की मूर्ति 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' का कुछ हिस्सा चीन में बनने की खबरें सामने आने पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी आलोचना शुरू हो गई। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे नहीं लगता कि सरदार पटेल यह पसंद करेंगे कि मोदी जी का 'मेक इन इंडिया' की परिभाषा सरदार पटेल की मूर्ति की 'मेड इन चाइना' परिभाषा में तब्दील हो जाए। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि सरदार वल्लभभाई पटेल की इस विशालकाय मूर्ति बनाने की क्षमता भारत के पास नहीं है, जो खुद में एक सवाल है जिसका प्रधानमंत्री और गुजरात में उनके नीचे काम कर रहे लोगों को जवाब देना चाहिए।
मीडिया में ख़बरें आ रही है प्रतिमा के कांस्य के भागों को चीन की एक फाउंड्री में बनाया जाएगा। वहीं गुजरात सरकार ने कहा कि चीनी कंपनी के कॉंट्रेक्टर प्रतिमा के लिए मैटीरियल कंहा से लेकर आएंगे इसके लिए किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि पहले यह ख़बरें आई थी कि प्रतिमा के लिए देश की जनता द्वारा दान किया पीतल इस्तेमाल किया जाएगा। इसके पीछे का मकसद देश में एकता लाना बताया जा रहा था।
बता दें कि लारसन एंड टर्बो (एल एंड टी) कंपनी ने गुजरात सरकार से 3000 करोड़ में इस प्रतिमा को बनवाने का कॉंट्रेक्ट किया था। इसके लिए कंपनी ने प्रतिमा का आवरण बनाने का काम टी क्यू आर्ट फाउंडरी को सौंपा है जो चीन के नेंचाग में स्थित जियांगसी टोकीन कंपनी का हिस्सा है। चीन से इन कर्मियों को इसलिए भी बुलाया जा रहा ताकि वे एल एंड टी कंपनी की प्रतिमा का कोर मजबूत बनाने में सहायता कर सकें। कोर को कोंक्रिट से तैयार किया जाएगा जिसके उपर यह भारी भरकम प्रतिमा खड़ी की जाएगी।
दूसरी ओर सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET) का कहना है कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के आदेश पर एक स्पेशल समुद्री जहाज को प्रतिमा के तैयार किए गए हिस्से लेने के लिए चीन भेजा जा चुका है। बाद में उन्हें देश में लाकर जोड़ने का काम किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव के श्रीनिवास ने यह भी बताया कि एल एंड टी कंपनी ने चीन से तकरीबन 25,000 पीतल के टुकड़े लिए हैं। इस बाबत जियांगसी में स्थित कंपनी से भी जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिल पाया।
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