उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का ऐतिहासिक फैसला: अब पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा 'ऑपरेशन सिंदूर', अध्यक्ष शादाब शम्स ने किया स्वागत

Operation Sindoor: उत्तराखंड सरकार ने मदरसा बोर्ड ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अपने पाठ्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' को शामिल करने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह छात्रों को भारतीय सेना के साहस, पराक्रम और बलिदान से रूबरू कराएगा।
बोर्ड के अध्यक्ष ने क्या कहा?
शादाब शम्स ने बताया कि वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले 117 मदरसों को आधुनिक बनाने की योजना पर काम हो रहा है, जिसमें एनसीईआरटी का सिलेबस भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि देश की सैन्य उपलब्धियों और वीर सैनिकों की कहानियों को छात्र पढ़ें और उनसे प्रेरणा लें। उत्तराखंड को सैन्य भूमि कहा जाता है, ऐसे में यहां के छात्रों को ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों के बारे में जानना चाहिए।
शम्स ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब राज्य के गर्वनर और मुख्यमंत्री का संबंध सेना से हो, तो वहां के बच्चों को भारतीय सेना की शौर्यगाथा का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। उनका कहना था कि इस तरह के अध्याय बच्चों में देशभक्ति की भावना को मज़बूत करेंगे और यह सीख देंगे कि देश से प्रेम भी जीवन का एक अहम पहलू है।
कर्नल सोफिया कुरैशी छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत
शम्स ने यह भी कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे उदाहरण मुस्लिम समुदाय के बच्चों, खासतौर पर लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उम्मीद है कि मदरसों से भी आगे चलकर ऐसी ही बेटियां निकलेंगी, जो देश का नाम रोशन करेंगी।
इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की कि एनसीईआरटी के सिलेबस में भी भारतीय सेना की वीरता से जुड़ी कहानियों को शामिल करने की दिशा में पहल की जाए।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार आतंकियों और उनके ठिकनों को निशाने बनाने के लिए लॉन्च किया गया। इस अभियान में 100 से अधिक आतंकी मारे गए।
