Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में नया भूमि सुधार बिल पारित, जानें उसकी 10 बड़ी बातें 

Uttarakhand Land Law 2025
X
Uttarakhand Land Law 2025
Uttarakhand Land Law 2025: उत्तराखंड विधानसभा में शुक्रवार (21 फरवरी) को उत्तराखंड जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम-1950 का संसोधित बिल पारित हुआ।

Uttarakhand Land Law 2025: उत्तराखंड विधानसभा में शुक्रवार (21 फरवरी) को उत्तराखंड जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम-1950 का संसोधित बिल पारित हुआ। इस कानून का मुख्य उद्देश्य राज्य की भूमि संरक्षित करना और अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री नियंत्रित करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत करते हुए बताया कि देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और आमजन के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कानून जरूरी था।

उत्तराखंड भूमि सुधार अधिनयम 2025 के मुताबिक, बाहरी व्यक्तियों द्वारा जमीन खरीदने पर अब उप-पंजीयक के समक्ष एफिडेविड देना होगा। ताकि, पता चल सके कि राज्य में और कहीं तो उनकी प्रॉपर्टी नहीं है। राज्य में कहीं भी 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि होने पर उन्हें यह जानकारी बतानी होगी।

उत्तराखंड भूमि सुधार कानून की प्रमुख बातें

  • बाहरी लोगों के कृषि भूमि खरीद में प्रतिबंध: हरिद्वार और उधमसिंह नगर को छोड़कर, राज्य के 11 जिलों में बाहरी लोग कृषि और बागवानी के लिए भूमि नहीं खरीद सकेंगे। विशेष प्रयोजनों के लिए भी उन्हें सरकार से अनुमति लेनी होगी।
  • भूमि खरीद की अधिकतम सीमा: उत्तराखंड में साढ़े अब 12 एकड़ से अधिक भूमि नहीं खरीद पाएंगे। सरकार ने इससे अधिक जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
  • चकबंदी और बंदोबस्ती में तेजी: पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी और बंदोबस्ती की प्रक्रिया तेजी लाई जाएगी। इससे भूमि प्रबंधन में सुधार होगा।
  • भूमि खरीद के लिए पोर्टल स्थापना: राज्य में भूमि खरीद-बिक्री की पारदर्शिता के लिए पोर्टल बनाया जाएगा। ताकि, बाहरी व्यक्तियों द्वारा क्रय की गई प्रत्येक भूमि खरीद का विवरण दर्ज होगा।
  • नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई: नियम विरुद्ध तरीके से भूमि उपयोग करने पर संबंधित भूमि सरकार में निहित की जाएगी।
  • भूमि की कीमतों में नियंत्रण: भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक वृद्धि पर नियंत्रण रखा जाएगा। ताकि, राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।
  • शासन से अनुमति अनिवार्य: अब भूमि खरीद के लिए जिलाधिकारी के बजाय शासन स्तर से अनुमति अनिवार्य होगी, जिससे अनधिकृत भूमि हस्तांतरण रोका जा सकेगा।
  • भू-माफिया पर नियंत्रण: इस कानून के माध्यम से भू माफिया की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी, जिससे राज्य की भूमि सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
  • निवेशकों के हितों का संरक्षण: निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलित भू सुधार किए गए हैं, जिससे राज्य में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • भविष्य में संशोधन की संभावना: सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य में आवश्यकतानुसार कानून में और सुधार किए जा सकते हैं। इसमें राज्य की भूमि सुरक्षा और विकास में संतुलन बना रहे।
WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story