Vimala Gunjyal: 35 साल पुलिस के सर्वोच्च पदों पर रहीं, अब वाइब्रेंट विलेज को मजबूती; जानें कौन हैं विमला गुंज्याल?

विमला गुंज्याल ग्राम प्रधान, पूर्व आईपीएस ग्राम प्रधान बनीं। गूंजी गांव पिथौरागढ़,Vimala Gunjyal Gram Pradhan, former IPS elected Pradhan
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35 साल पुलिस के सर्वोच्च पदों पर रहीं, अब भारत-सीमा पर लाएंगी बदलाव; जानें कौन हैं विमला गुंज्याल?

Vimala Gunjyal : पूर्व आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल बनीं गूंजी गांव की निर्विरोध ग्राम प्रधान। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत गांव में विकास की नई उम्मीद।

Vimala Gunjyal Gram Pradhan : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित गूंजी गांव इन दिनों अपने लोकतांत्रित मूल्यों के लिए सुर्खियों में है। भारत-चीन सीमा के समीप स्थित गूंजी गांव में पूर्व आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना गया है। यह गांव केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना का हिस्सा है। जिसे अनुभवी और ईमानदार नेतृत्व मिलने जा रहा है।

विमला गुंज्याल ने 35 वर्षों तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस विभाग में सेवा दी है। वे वर्ष 2025 में आईजी विजिलेंस पद से सेवानिवृत्त हुईं। उन्हें 2019 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अपने गांव लौटकर सेवा करने का निर्णय लिया, जिसे गांववासियों ने सराहा और बिना किसी विरोध के उन्हें प्रधान बना दिया।

कैसे बनीं निर्विरोध ग्राम प्रधान?
गूंजी गांव में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए 6 जुलाई को नामांकन की अंतिम तिथि थी। पहले पांच ग्रामीणों ने प्रधान पद के लिए पर्चे खरीदे थे, लेकिन जब गुरुवार को विमला गुंज्याल गांव पहुंचीं, तो शुक्रवार को एक सर्वसम्मति बैठक हुई। सभी ने आपसी सहमति से तय किया कि कोई भी उनके खिलाफ नामांकन दाखिल नहीं करेगा।

शनिवार को अंतिम दिन किसी ने भी पर्चा दाखिल नहीं किया। निर्वाचन अधिकारी प्रमोद मिश्रा के अनुसार, सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लेकर विमला गुंज्याल का समर्थन किया, जिसके बाद उन्हें निर्विरोध ग्राम प्रधान घोषित कर दिया गया।

विकास का नया अध्याय शुरू
विमला गुंज्याल ने कहा, मैंने ग्रामीणों के आग्रह पर चुनाव लड़ा है। अब गांव की स्वच्छता, विकास और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दूंगी। सीमांत गांवों को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाना समय की जरूरत है।

उनके पति अशोक गुंज्याल खादी ग्रामोद्योग आयोग से डिप्टी डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी बेटियां वकील और व्यवसायी हैं, जबकि बेटा एक डॉक्टर है। पूरा परिवार समाज सेवा में सक्रिय है।

क्यों खास है गूंजी गांव?
गूंजी गांव उत्तराखंड की व्यास घाटी में स्थित है और भारत-चीन सीमा के पास का सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत इस गांव को आधारभूत सुविधाओं, डिजिटल कनेक्टिविटी और रोजगार के अवसरों से सशक्त बनाया जा रहा है। ऐसे में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का ग्राम प्रधान चुना जाना, इस योजना को धरातल पर उतारने में सहायक साबित हो सकता है।

गांव में जश्न का माहौल
निर्विरोध निर्वाचन के बाद गांव में खुशी का महौल है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि विमला गुंज्याल के नेतृत्व में गूंजी गांव विकास की राह में तेजी से आगे बढ़ेगा। पूर्व प्रधान, स्थानीय नेता और महिलाओं ने इसे गर्व की बात मान रही हैं।

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