हरिद्वार अर्धकुंभ 2027: 104 घाटों का नवीनीकरण,84 मीटर लंबा VIP घाट! AI कंट्रोल रूम से होगी सुरक्षा निगरानी

मेले में एआई कंट्रोल रूम के माध्यम से हाई-टेक सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
हरिद्वार : हरिद्वार में 2027 में आयोजित होने वाले अर्धकुंभ मेले को दिव्य और भव्य रूप देने के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसी क्रम में, मेला प्रशासन ने हरकी पैड़ी के ठीक सामने एक नया और आकर्षक 'वीआईपी घाट' बनाने की योजना को प्राथमिकता सूची में शामिल किया है।
इस निर्माण का उद्देश्य श्रद्धालुओं और विशिष्ट अतिथियों को बेहतर सुविधा और विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का सीधा एवं मनोरम दृश्य उपलब्ध कराना है।
नई घाट परियोजना की मुख्य बातें
उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्तावित वीआईपी घाट का निर्माण वर्तमान सीसीआर भवन और धनुष पुल के बीच खाली पड़े गंगा किनारे के क्षेत्र में किया जाएगा। इस घाट के निर्माण में लगभग 1.82 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिसके विस्तृत प्रस्ताव को शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
यह घाट लगभग 84 मीटर लंबा होगा, और इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी भौगोलिक स्थिति है, क्योंकि यह सीधे हरकी पैड़ी के सामने स्थित होगा। इस घाट की सीढ़ियों पर बैठकर श्रद्धालु हरकी पैड़ी की विश्वविख्यात गंगा आरती का सीधा और विहंगम नजारा देख सकेंगे, साथ ही, यहां पर गंगा स्नान की भी समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी।
विस्तृत अर्धकुंभ क्षेत्र और स्थाई निर्माण कार्य
अर्धकुंभ 2027 की तैयारियों का दायरा केवल हरिद्वार तक सीमित नहीं है, बल्कि चार जिलों में लगभग 670 हेक्टेयर मुख्य क्षेत्र और कुल 1454 हेक्टेयर में फैला होगा, जो हरिद्वार से देवप्रयाग तक विस्तृत होगा। प्रशासन ने मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्यों की योजना बनाई है।

अर्धकुंभ के लिए 700 करोड़ रुपये से अधिक के बजट से स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य होंगे। इसमें नए घाटों का निर्माण, सड़कों की मरम्मत और पुलों का निर्माण शामिल है। यात्रियों की सुविधा के लिए हरिद्वार में कुल 104 घाटों का नवीनीकरण और सुंदरीकरण किया जाना है, साथ ही, लगभग 5.5 किलोमीटर दूरी के नए घाट भी बनाने की योजना है।
भीड़ नियंत्रण और बेहतर सुविधाओं के लिए जाह्नवी मार्केट जैसी संरचनाओं को भी स्थानांतरित करने की योजना है, हालांकि इसका स्थानीय व्यापारियों द्वारा विरोध भी किया गया है। साथ ही, मेले में एआई कंट्रोल रूम के माध्यम से हाई-टेक सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
शाही अमृत स्नान और तिथियां
हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 में इस बार कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर स्नान की तिथियों को अंतिम रूप दिया है, जिससे यह आयोजन और भी विशेष बन गया है।
अर्धकुंभ का आयोजन 14 जनवरी 2027 (मकर संक्रांति) से शुरू होकर 20 अप्रैल 2027 तक चलेगा, जिसकी कुल अवधि लगभग 97 दिन होगी। इस बार अर्धकुंभ में पहली बार चार शाही अमृत स्नान सहित कुल 10 प्रमुख स्नान पर्व होंगे। यह कदम अर्धकुंभ को महाकुंभ की तरह भव्यता प्रदान करेगा। प्रमुख शाही स्नानों की संभावित/घोषित तिथियों में 14 जनवरी 2027 को मकर संक्रांति (पहला स्नान), 6 मार्च 2027 को महाशिवरात्रि (पहला शाही स्नान), 8 मार्च 2027 को सोमवती अमावस्या (दूसरा शाही स्नान), और 14 अप्रैल 2027 को वैशाखी/मेष संक्रांति (तीसरा शाही अमृत स्नान और सबसे पवित्र स्नान) शामिल हैं।
