Uttarakhand Weather: देहरादून में बादल फटा- सहस्त्रधारा में टपकेश्वर मंदिर डूबा; 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Dehradun sahastradhara cloudburst
देहरादून से सुनील सोनकर की रिपोर्ट
Dehradun Cloud burst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार देर रात (15-16 सितंबर) से लगातार हो रही बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। सहस्त्रधारा के कार्लीगाड़ क्षेत्र में करीब 11:30 बजे बादल फटने से भारी नुकसान हुआ।
अचानक आई बाढ़ ने कई दुकानें, होटल, रिसॉर्ट और घरों को बहा दिया। मलबा और तेज बहाव के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि वाहन और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ। जिला प्रशासन के अनुसार, 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, लेकिन दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
टपकेश्वर महादेव मंदिर का हाल
तमसा नदी उफान पर आ गई, जिससे टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर जलमग्न हो गया। पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि सुबह 5 बजे से नदी में तेज बहाव शुरू हो गया। मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है, लेकिन परिसर में भारी जलभराव हो गया। ऐसी स्थिति दशकों बाद देखने को मिली। लोगों को नदियों के पास न जाने की सलाह दी जाती है। जान-माल के नुकसान की कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मंदिर के आसपास के इलाकों में संपर्क मार्ग कट गए हैं।
Dehradun के अन्य प्रभावित क्षेत्र
- प्रेम नगर में पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इसमें आवागमन अवरुद्ध है। मालदेवता में सड़क का लगभग 100 मीटर हिस्सा नदी में समा गया।
- देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास एक पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। शहर की गलियों में नदियां बहने लगीं, और कई जगहों पर बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो गई।
मुख्यमंत्री धामी ने किया स्थलीय निरीक्षण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, बारिश से घरों, सरकारी संपत्तियों और संपर्क मार्गों को भारी नुकसान हुआ है। नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस राहत कार्यों में जुटे हैं। हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं। हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। सीएम ने ईश्वर से सभी की सकुशलता की प्रार्थना की।
मसूरी में सड़कें टूटीं, मकान ढहे, 2 की मौत
पहाड़ों की रानी मसूरी में बारिश ने तांडव मचा दिया। देर रात की मूसलाधार वर्षा से लैंडस्लाइड हुआ। इससे मसूरी-देहरादून मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। कोलू खेत के पास सड़क का बड़ा हिस्सा टूट गया, जबकि गलेगी पावर हाउस से 200 मीटर आगे सड़क धंस गई। वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर एक मकान में मलबा घुस आने से दो नेपाली मूल के मजदूर प्रभावित हुए। राम बहादुर (41 वर्ष) की मौके पर मौत हो गई, जबकि अर्जुन (40 वर्ष) गंभीर रूप से घायल है। उनका इलाज मसूरी उप-जिला चिकित्सालय में चल रहा है।
गाड़ियां क्षतिग्रस्त, मोबाइल नेटवर्क बाधित
बाढ़, बारिश और लैंड स्लाइड से गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क बाधित है। लोग घरों में कैद हो गए। प्रशासन ने जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। पुलिस पेट्रोलिंग कर फंसे लोगों को निकाल रही है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश में हर साल यही होता है, लेकिन इस बार हालात बेहद खतरनाक हैं। सरकार से तत्काल राहत और स्थायी समाधान की मांग है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने सात जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। IMD ने बताया कि देहरादून, चमोली, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल समेत सात जिलों में 16 सितंबर से भारी बारिश होगी। अगले 48 घंटों तक गर्जना, बिजली चमकने और तेज वर्षा की संभावना है। पर्वतीय क्षेत्रों में लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है।
स्कूलों की छुट्टी
चेतावनी के मद्देनजर नैनीताल, देहरादून और पिथौरागढ़ में स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला, डीडी हाट और मुंसियारी ब्लॉकों में भी छुट्टी घोषित की गई। लोगों से अपील है कि अनावश्यक यात्रा टालें और पहाड़ी इलाकों से दूर रहें।
14 दिनों का IMD पूर्वानुमान
देहरादून में अगले कुछ दिनों में तापमान 22-32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, लेकिन बारिश की वजह से उमस बढ़ेगी। पूरे उत्तराखंड में मानसून की विदाई धीमी है, जिससे सितंबर में भी वर्षा जारी रहेगी।
पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर मुख्यमंत्री धामी से स्थिति की जानकारी ली। दोनों ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
सीएम धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार जताते हुए कहा, उनके मार्गदर्शन में बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। आपदा प्रभावितों के साथ हम पूर्ण प्रतिबद्धता से खड़े हैं।
जनजीवन प्रभावित, राहत कार्य युद्ध स्तर पर
उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई जगहों पर नदियां उफान पर हैं, सड़कें बंद हैं, और संपर्क टूट गया है। एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। जिला अधिकारी प्रेम चंद अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहा है। प्रभावितों को हर मदद पहुंचाई जा रही है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
उत्तराखंड सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 0135-2712131 (देहरादून एसडीआरएफ) जारी कर लोगों से अपील है कि घरों से बाहर न निकलें। उत्तराखंड के लिए यह आपदा बड़ी चुनौती है, लेकिन एकजुट प्रयासों से स्थिति नियंत्रण में लाई जा रही है। मौसम के अपडेट पर नजर रखें।
