योगी सरकार की चेतावनी: 5 दिसंबर तक वक्फ संपत्तियां 'उम्मीद' पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश, वरना होगी कार्रवाई

योगी सरकार ने वक्फ संपत्तियों को 'उम्मीद' पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर तय की है।
UP waqf properties upload on umeed portal: उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जों और कुप्रबंधन पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार और केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदेश की सभी सुन्नी वक्फ संपत्तियों को 5 दिसंबर तक 'उम्मीद' पोर्टल (umeed.minorityaffairs.gov.in) पर अपलोड करने का कड़ा निर्देश जारी किया गया है।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यह अंतिम चेतावनी जारी करते हुए साफ कर दिया है कि तय समय सीमा तक ऐसा न करने वाले मुतवल्लियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
योगी-मोदी सरकार का पारदर्शिता पर जोर
यह कदम योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और केंद्र की मोदी सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' विजन के अनुरूप है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की आय में पारदर्शिता लाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अब तक चली आ रही धीमी प्रगति पर बोर्ड ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। इस डिजिटल पहल से न केवल संपत्तियों का रिकॉर्ड एक जगह इकट्ठा होगा, बल्कि उन पर हो रहे अवैध कब्जों को रोकना भी आसान होगा।
डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया और उद्देश्य
'उम्मीद' पोर्टल पर संपत्ति का विवरण दर्ज करने के लिए संपत्ति का स्थान, क्षेत्रफल, उपयोग, किराएदार और प्रबंधक का पूरा ब्योरा देना अनिवार्य है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि यह कवायद किसी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और आय को सही मद में खर्च करने के लिए है। मुतवल्लियों की मदद के लिए पोर्टल पर वीडियो और यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराए गए हैं ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।
यह सख्त निर्देश इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को बर्दाश्त नहीं करेगी, और सभी धार्मिक संपत्तियों की रक्षा और सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वक़्फ़ है संशोधन बिल?
केंद्र सरकार ने हाल ही में वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है, जिसका लक्ष्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस संशोधन विधेयक को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 नाम दिया गया है। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की उन अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाने का प्रयास करता है, जिसके तहत वे बिना किसी गहन जांच के किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकते थे। यदि किसी सरकारी भूमि को पहले वक्फ के तौर पर चिन्हित किया गया है, तो उसे कलेक्टर द्वारा दोबारा जांचा जाएगा।
इस विधेयक के तहत, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया जाना अनिवार्य होगा और सभी रिकॉर्ड्स को 'उम्मीद' जैसे केंद्रीय डेटाबेस पर अपलोड किया जाएगा, जिससे प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ अब सीधे उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है, जिससे कानूनी प्रक्रिया में सुधार होगा।
