खाकी की आड़ में महा-लूट: 10 साल में 100 करोड़ की अवैध संपत्ति! DSP ऋषिकांत शुक्ला पर विजिलेंस का शिकंजा

उपनिरीक्षक से डीएसपी तक -100 करोड़ के साम्राज्य की नींव।
कानपुर : उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकांत शुक्ला पर अवैध रूप से अकूत संपत्ति जमा करने के गंभीर आरोप लगे हैं। कानपुर में लंबे समय तक तैनात रहे शुक्ला के खिलाफ अब राज्य सरकार ने विजिलेंस जांच का आदेश दिया है। प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक, डीएसपी ने अपने परिवार, करीबियों और बेनामी संस्थाओं के नाम पर करीब 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति खड़ी कर ली है।
उपनिरीक्षक से डीएसपी तक - 100 करोड़ के साम्राज्य की नींव
ऋषिकांत शुक्ला ने वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में उपनिरीक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी। उनकी अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा कानपुर में उनकी लंबी तैनाती के दौरान अर्जित किया गया। वह 1998 से 2006 और फिर 2006 से 2009 के बीच यानी लगभग एक दशक तक कानपुर में तैनात रहे, जहा उन्होंने अवैध गतिविधियों के माध्यम से अकूत दौलत बटोरी।
एसआईटी जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि डीएसपी शुक्ला ने अपनी अवैध कमाई को छिपाने के लिए एक बेनामी नेटवर्क का इस्तेमाल किया। बेनामी संपत्तियों का यह जाल केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी संपत्तियां नोएडा, चंडीगढ़ जैसे अन्य शहरों में भी मिली हैं। अकेले कानपुर के आर्यनगर इलाके में ही उनके नाम पर 11 व्यावसायिक दुकानें होने का पता चला है। जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि कई संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में खुद ऋषिकांत शुक्ला के पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया था, जिससे उनके अवैध संपत्ति जमा करने की पुष्टि होती है।
कानपुर के वकीलों और भू-माफिया गैंग से गहरी सांठगांठ
डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कानपुर के एक संगठित गैंग से नजदीकी संबंध बनाए। जांच में खुलासा हुआ कि कानपुर के एक वकील अखिलेश दुबे के नेतृत्व में एक गिरोह सक्रिय था, जो फर्जी मामले दर्ज करने, जबरन वसूली और जमीनों पर कब्जा करने का काम करता था।
एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार, ऋषिकांत शुक्ला ने इस गिरोह के साथ मिलकर काम किया और उनकी रियल एस्टेट परियोजनाओं में एक साइलेंट पार्टनर की भूमिका निभाई। इस गैंग ने अपनी अवैध गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए पुलिस, कानपुर विकास प्राधिकरण और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखा था।
शुक्ला पर लगे ये आरोप केवल आय से अधिक संपत्ति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह पुलिस और संगठित अपराध के बीच सांठगांठ का एक गंभीर मामला भी है।
200 करोड़ रिसोर्ट में बेटे की शादी और उसकी 33 कंपनियां
डीएसपी शुक्ला की जीवनशैली भी उनकी अवैध संपत्ति की ओर इशारा करती है। इस साल मार्च महीने में, उन्होंने 200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले एक आलीशान रिसॉर्ट में अपने बेटे की भव्य शादी की थी। चौंकाने वाली बात यह थी कि इस बारात में एडीजी, एसपी, डीसीपी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और राजनेता भी शामिल थे और उन्होंने खुलेआम डांस किया था। यह घटना डीएसपी के रसूख को दर्शाती है।
इसके अलावा, एसआईटी जांच में यह भी आरोप सामने आया है कि उनके बेटे ने अवैध रूप से अर्जित काले धन को सफेद करने के लिए 33 फर्जी कंपनियां बनाई थीं। इन सभी साक्ष्यों को देखते हुए, शिकायतकर्ता ने मांग की है कि डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को केवल निलंबित करने के बजाय तुरंत सेवा से बर्खास्त किया जाए।
