UP Tourism: उत्तर प्रदेश बनेगा विश्व का पर्यटन हब, 2028 तक 80 करोड़ पर्यटकों के पहुंचने का अनुमान

धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों की बदौलत उत्तर प्रदेश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बना।
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प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब - उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत ने पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

उत्तर प्रदेश में पर्यटन का बूम, प्रयागराज महाकुंभ में रिकॉर्ड तोड़ भीड़। 2028 तक 80 करोड़ पर्यटक, आर्थिक योगदान 70 हजार करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद।

UP Tourism: उत्तर प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों की बदौलत यूपी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बन चुका है।

वर्ष 2025 में प्रयागराज महाकुंभ में 66.30 करोड़ पर्यटकों के आगमन ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिससे प्रदेश में पर्यटन से राजस्व में जबरदस्त उछाल आया।

वर्ष 2023 में जहां पूरे राज्य में 48 करोड़ पर्यटक आए थे, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 66 करोड़ पार कर गया। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और प्रयागराज जैसे धार्मिक शहरों में अकेले 41.56 करोड़ पर्यटकों की आवाजाही हुई। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष 2028 तक उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 80 करोड़ तक पहुंच सकती है।

धार्मिक पर्यटन में नए केंद्रों का उदय

अयोध्या, काशी (वाराणसी), मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर और विंध्यधाम (मिर्जापुर) जैसे शहर धार्मिक पर्यटन के उभरते केंद्र बन चुके हैं। केंद्र सरकार की संभावनाशील 100 स्मार्ट सिटी की सूची में यूपी के चार शहर – अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर – को शामिल किया गया है।

मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा

योगी सरकार प्रदेश में एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों के माध्यम से धार्मिक स्थलों को आपस में जोड़ रही है। वाराणसी-चंदौली, सोनभद्र और गाजीपुर को गंगा एक्सप्रेसवे और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना बनाई गई है। सोनभद्र को "उत्तर प्रदेश का स्विट्जरलैंड" बनाने की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है।

तीर्थ विकास परिषद और सुरक्षित पर्यटन

राज्य सरकार ने तीर्थ स्थलों के सुव्यवस्थित विकास के लिए तीर्थ विकास परिषदों का गठन किया है। साथ ही, बड़े मेलों का प्रांतीयकरण और धार्मिक सर्किट के निर्माण से पर्यटकों को सुविधाजनक अनुभव देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।

आर्थिक समृद्धि और रोज़गार में वृद्धि

पर्यटन क्षेत्र से न केवल राज्य के राजस्व में वृद्धि हुई है, बल्कि स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, प्रयागराज महाकुंभ से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ। 2016-17 में पर्यटन से जहां 11 हजार करोड़ की आय हुई थी, वहीं 2028 तक यह आंकड़ा 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।

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