UPSCR: उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन से छह शहरों को मिलेगी नई पहचान-26,000 वर्ग किमी में विकास की रूपरेखा तैयार

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UPSCR का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट छह शहरों की सूरत बदलने और उन्हें लखनऊ के समानांतर विकसित करने का एक बड़ा कदम है। 

UPSCR के तहत लखनऊ सहित छह जिलों (सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी, रायबरेली) को मिलाकर लगभग 26,000 वर्ग किमी क्षेत्र का वृहद विकास किया जाएगा। इसका मुख्य लक्ष्य लखनऊ पर दबाव कम करना, पलायन रोकना और पड़ोसी जनपदों में समानांतर विकास के साथ गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुँचाना है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (UPSCR) के तहत राजधानी लखनऊ और इसके आसपास के छह जिलों का कायाकल्प किया जाएगा। यह विशाल योजना लगभग 26,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगी, जिसका मुख्य लक्ष्य इन क्षेत्रों का सर्वांगीण और समानांतर विकास करना है। शुक्रवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) कार्यालय में UPSCR की सर्वे रिपोर्ट पर चर्चा हुई।

UPSCR का वृहद स्वरूप और शामिल जिले

उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन में कुल छह जिले शामिल हैं:-

लखनऊ

सीतापुर

उन्नाव

हरदोईबा

राबंकी

रायबरेली

इस पूरे क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल लगभग 26,000 वर्ग किलोमीटर होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लखनऊ पर बढ़ते दबाव को कम करना और आसपास के इन जिलों का समानांतर रूप से विकास सुनिश्चित करना है। वर्तमान में, व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य कारणों से हजारों लोग रोज़ाना इन पड़ोसी जनपदों से लखनऊ आते हैं। UPSCR के तहत इन जनपदों का संतुलित विकास होने से पलायन में कमी आएगी और लोगों को उनके अपने क्षेत्र में ही बेहतर सुविधाएं और अवसर मिलेंगे।

विकास योजना और समय सीमा

UPSCR के लिए जीआईएस (GIS) आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने हेतु एई कॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एजीस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स कंपनी को कंसल्टेंट के रूप में चुना गया है। कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष के भीतर रीजनल प्लान तैयार करेगी। रीजनल प्लान के आधार पर, कंपनी अगले पांच वर्षों में विभिन्न परियोजनाओं को चिह्नित करेगी, उनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करेगी, और उन्हें धरातल पर उतारने का काम भी सुनिश्चित कराएगी। इस प्रोजेक्ट में अधिकारियों के साथ-साथ सांसद प्रतिनिधि और विधान परिषद सदस्य जैसे जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।

पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र का विकास: सेंट्रल म्यूजियम

UPSCR क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। योजना के तहत एक सेंट्रल म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। इस म्यूजियम की खासियत यह होगी कि इसमें पर्यटक स्थलों के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विजुअल्स प्रदर्शित किए जाएंगे। यह आधुनिक तरीका पर्यटकों को आकर्षित करेगा और उन्हें क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त, अयोध्या आने वाले लगभग 16 करोड़ पर्यटकों को लखनऊ और UPSCR के अन्य जनपदों से जोड़ने के लिए भी एक विस्तृत योजना तैयार करने का सुझाव दिया गया है।

औद्योगिक विकास और रोज़गार के अवसर

आर्थिक और औद्योगिक विकास इस योजना का एक प्रमुख स्तंभ है। विशेष रूप से हरदोई-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को उद्योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यह हब निवेश को आकर्षित करेगा और बड़े पैमाने पर रोज़गार व व्यवसाय के नए अवसर सृजित करेगा। LDA उपाध्यक्ष के अनुसार, आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत करने पर काम किया जा रहा है, जिससे औद्योगिक और व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा। इससे प्रदेश का आर्थिक विकास होगा और बड़ी तादाद में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।

बेहतर कनेक्टिविटी और शहरी सुविधाओं का विस्तार

UPSCR के तहत शामिल सभी जनपदों के बीच हाई स्पीड रेल एवं रोड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जा रहा है। यह हाई स्पीड कनेक्टिविटी आवागमन को तेज और सुगम बनाएगी, जो औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। बेहतर कनेक्टिविटी से न केवल पलायन में कमी आएगी, बल्कि निवेश भी बढ़ेगा।

इसके साथ ही, योजना का उद्देश्य गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचाना भी है। इससे लोगों को उनके निवास क्षेत्र में ही स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। सांसद प्रतिनिधि ने बाराबंकी और उन्नाव जैसे जनपदों के लिए विस्तृत शहरीकरण प्लान तैयार करने पर जोर दिया, जिसमें पेयजल, विद्युत खपत, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के दायरे का आंकलन करना शामिल हो।

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