प्रीपेड' बिजली का नया दौर: ​UP में कृषि छोड़ सभी कनेक्शन अब स्मार्ट मीटर से, कीमत 900 से बढ़कर ₹6000

UPPCL has mandated prepaid smart meters electricity connections
X

UPPCL ने कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अब सभी को नया बिजली कनेक्शन केवल प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ देने का निर्देश दिया है।

पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने तय समय में कनेक्शन देने के लिए समर्पित टीमें बनाने और दीपावली से पहले कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने अब कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए नया बिजली कनेक्शन केवल प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ देने का निर्देश दिया है। यह फैसला तमाम विरोधों के बावजूद लिया गया है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस प्रक्रिया को तेजी से लागू करने और नए कनेक्शन समय पर सुनिश्चित करने के लिए समर्पित टीमें गठित करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने यह भी कहा है कि दीपावली से पहले सभी आवेदकों को कनेक्शन मिल जाना चाहिए। इस निर्देश के बाद, विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को टीमें गठित करनी होंगी, वहीं मुख्य अभियंता को प्रतिदिन और निदेशक को साप्ताहिक आधार पर नए कनेक्शनों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, इस अनिवार्यता पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे विद्युत अधिनियम-2003 का उल्लंघन बताया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि स्मार्ट मीटर की लागत पुराने साधारण मीटरों की तुलना में काफी अधिक है, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ नया कनेक्शन क्यों?

पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि लखनऊ में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी को अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ ही बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य राजस्व वसूली को बेहतर बनाना, बिजली चोरी पर नियंत्रण रखना और उपभोक्ताओं को अपने बिजली खर्च का बेहतर प्रबंधन करने में सक्षम बनाना है।

प्रीपेड मीटर होने से उपभोक्ता पहले रिचार्ज करेंगे, जिससे डिस्कॉम को तुरंत भुगतान सुनिश्चित होगा और बकाया बिजली बिलों की समस्या कम होगी। कारपोरेशन प्रबंधन का जोर है कि यह प्रक्रिया निर्बाध रूप से चले और दीपावली से पहले सभी आवेदकों को उनका नया कनेक्शन मिल जाए।

समय पर कनेक्शन देने के लिए गठित होंगी टीमें

डॉ. आशीष कुमार गोयल ने विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे नए कनेक्शन देने की प्रक्रिया को तय अवधि में पूरा करने के लिए समर्पित टीमें गठित करें। इन टीमों का मुख्य काम आवेदकों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ जल्द से जल्द कनेक्शन देना सुनिश्चित करना होगा ताकि किसी भी तरह की हीला-हवाली न हो। अध्यक्ष ने मानीटरिंग और समीक्षा की एक सख्त व्यवस्था भी लागू की है।

मुख्य अभियंता को प्रतिदिन के आधार पर नए कनेक्शनों की प्रगति की निगरानी करने के लिए कहा गया है, जबकि निदेशक साप्ताहिक रूप से पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कनेक्शन देने का कार्य बिना किसी रुकावट के और निर्धारित समय-सीमा के भीतर संपन्न हो।

उपभोक्ता परिषद का विरोध और अधिनियम के उल्लंघन का दावा

प्रीपेड स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कड़ा विरोध जताया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का स्पष्ट कहना है कि नए कनेक्शन के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता थोपना विद्युत अधिनियम-2003 का उल्लंघन है।

उनका तर्क है कि यह अधिनियम उपभोक्ताओं को बिना किसी बाधा के बिजली कनेक्शन प्राप्त करने का अधिकार देता है। वर्मा ने मांग की है कि नया बिजली कनेक्शन पूर्व की भांति सस्ती दरों पर और बिना किसी अनिवार्य शर्त के दिया जाए। उपभोक्ता परिषद की आपत्ति का मुख्य कारण बढ़ी हुई लागत है।

बढ़ी हुई लागत से उपभोक्ताओं पर बोझ

प्रीपेड स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता का सबसे बड़ा नकारात्मक पहलू इसकी बढ़ी हुई लागत है। नए कनेक्शन के लिए आवेदक को अब लगभग छह हजार रुपये केवल स्मार्ट मीटर के लिए खर्च करने पड़ रहे हैं। इसके विपरीत, पहले लगाए जा रहे साधारण मीटर के लिए उपभोक्ता को केवल लगभग 900 रुपये ही देने पड़ते थे। यह छह गुना से अधिक की वृद्धि है, जो नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं पर एक बड़ा आर्थिक बोझ डालेगी। अवधेश वर्मा ने इसी अत्यधिक लागत को आधार बनाते हुए सस्ती दरों पर कनेक्शन देने की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story