यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र: 22 दिसंबर को आएगा 30 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट! बुनियादी ढांचे पर रहेगा जोर

22 दिसंबर को आएगा 30 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट! बुनियादी ढांचे पर रहेगा जोर
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23 दिसंबर को बजट पर चर्चा और विधायी कार्य होंगे, जबकि 24 दिसंबर को इसे पारित किया जाएगा।

19 से 24 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले इस बजट का मुख्य उद्देश्य एक्सप्रेसवे परियोजनाओं, ग्रामीण विकास और आगामी पंचायत चुनावों के लिए अतिरिक्त फंड जुटाना है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आगामी 22 दिसंबर को विधानमंडल में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना पहला अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है। राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना दोपहर करीब 12:20 बजे बजट की मांगों को सदन के पटल पर रखेंगे।

सूत्रों और विभागीय प्रस्तावों के अनुसार, इस अनुपूरक बजट का अनुमानित आकार लगभग 30 हजार करोड़ रुपये हो सकता है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य चालू परियोजनाओं को अतिरिक्त फंड देना और आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियों के लिए बजट का प्रावधान करना है।

शीतकालीन सत्र का पूरा कार्यक्रम और बजट पेशी

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू हो रहा है, जो 24 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले दिन 19 दिसंबर को घोसी से सपा विधायक रहे स्वर्गीय सुधाकर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी।

20 और 21 दिसंबर को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण सदन नहीं चलेगा। इसके बाद सोमवार, 22 दिसंबर को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा।

23 दिसंबर को बजट पर चर्चा और विधायी कार्य होंगे, जबकि 24 दिसंबर को इसे पारित किया जाएगा।

एक्सप्रेसवे और सड़क परियोजनाओं पर मुख्य फोकस

इस अनुपूरक बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। यूपीडा की चल रही एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए भारी-भरकम धनराशि आवंटित होने की उम्मीद है। लोक निर्माण विभाग ने भी नई सड़क परियोजनाओं और मरम्मत कार्यों के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की है।

सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने वाली बड़ी परियोजनाएं बजट की कमी के कारण न रुकें और उन्हें समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके।

पंचायत चुनाव और ग्रामीण विकास की प्राथमिकता

आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को देखते हुए इस बजट में ग्रामीण विकास के लिए विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग और पंचायती राज विभाग को बड़ी धनराशि मिलने की संभावना है।

इसमें गांवों की बुनियादी सुविधाओं, स्वच्छ भारत मिशन और पंचायत भवनों के रखरखाव के लिए फंड आवंटित किया जा सकता है।

इसके अलावा, पर्यटन स्थलों के विकास और धर्माथ कार्य विभाग की योजनाओं को भी इस अनुपूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलने वाली है।

अध्यादेशों को विधेयक के रूप में मिलेगी मंजूरी

बजट पेश करने के साथ-साथ, 22 दिसंबर को सरकार उन आठ अध्यादेशों को भी सदन के पटल पर रखेगी जो मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के बीच लाए गए थे।

इनमें उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश और उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। इन अध्यादेशों को अब विधिवत विधेयक के रूप में पारित कराया जाएगा।

इस सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की भी पूरी तैयारी है।


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