यूपी में रेलवे का बदलेगा चेहरा: 250 किमी/घंटा की रफ्तार वाली ट्रेनें और AI-आधारित सुरक्षा पर ज़ोर!

आरडीएसओ अब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों पर तेजी से अनुसंधान कर रहा है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रेलवे के बुनियादी ढांचे और तकनीक को हाईटेक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। लखनऊ स्थित अनुसंधान, अभिकल्प और मानक संगठन ने सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों और अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणालियों पर तेज़ी से काम शुरू कर दिया है, जिससे न केवल ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, बल्कि यात्रा भी अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगी।
RDSO के महानिदेशक उदय बोरवणकर ने हाल ही में एक सम्मेलन में इस महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी दी, जिसके तहत 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों को विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
250 किमी/घंटा की गति वाली ट्रेनें और हाई-टेक अनुसंधान
आरडीएसओ अब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों पर तेजी से अनुसंधान कर रहा है। यह पहल भारतीय रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, जहां सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों के साथ-साथ अत्यंत तेज गति वाली रेलगाड़िया भी ट्रैक पर उतर सकेंगी।
अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य ट्रैक की गति क्षमता को बढ़ाना है; जिसे पहले 75 किमी/घंटा से 160 किमी/घंटा तक किया गया था और अब इसे 200 किमी/घंटा तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा, नई डिज़ाइन की बोगिया विकसित की जा रही हैं जिनमें एक साथ 2000 यात्रियों तक को ले जाने की क्षमता होगी।
हाइड्रोजन ट्रेन के ट्रायल भी ज़ारी हैं और इसके संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढाचे को मज़बूत किया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगा।
ट्रैक रखरखाव और सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल
रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ट्रैक रखरखाव और रेल हादसों पर अंकुश लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग करने की तैयारी में है।
एआई-आधारित ट्रैक मेंटेनेंस सिस्टम को लागू किया जाएगा। इस तकनीक के इस्तेमाल से नाइट पेट्रोलिंग के दौरान कर्मचारियों को होने वाली असुविधाओं को कम किया जा सकेगा और ट्रैक की खामियों को पहले ही पहचाना जा सकेगा।
उन्नत सिग्नलिंग और बेहतर संचार प्रणाली के साथ एंटी-कोलिजन सिस्टम को भी रेलवे में एकीकृत किया जाएगा, जिससे रेलगाड़ियों के बीच टक्कर की संभावना न के बराबर हो जाएगी और यात्रा और अधिक सुरक्षित हो जाएगी।
प्रमुख रेल खंडों का अपग्रेडेशन और भविष्य की योजनाएं
उत्तर प्रदेश में कई प्रमुख रेलखंडों के अपग्रेडेशन की योजना भी तेज़ी से चल रही है। उदाहरण के लिए, लखनऊ-कानपुर रेलमार्ग को फोरलेन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे इस खंड पर ट्रेनों की संख्या और गति दोनों बढ़ाई जा सकेंगी।
इसके अलावा, वाराणसी से हावड़ा वाया पटना के बीच एक हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर की परियोजना पर भी काम चल रहा है, जिस पर ट्रेनों की रफ्तार 250 से 350 किमी प्रति घंटा तक होने का अनुमान है। इस कॉरिडोर के लिए वाराणसी के 80 गांवों से होकर गुज़रने वाले ट्रैक का सर्वे भी पूरा हो चुका है।
अवध रेल इंफ्रा लिमिटेड के एमडी के अनुसार, अगले दो से तीन सालों में 200 नई वंदे भारत, 100 अमृत भारत और 50 नमो भारत रैपिड ट्रेनों को पटरी पर उतारने की तैयारी है, जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
