यूपी में 'ऑपरेशन क्लीन: मुजफ्फरनगर में डेढ़ महीने में तीन कुख्यात ढेर, मेरठ जोन बना एनकाउंटर का 'एपिसेंटर!

UP Police encounter in Uttar Pradesh
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उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस का 'ऑपरेशन क्लीन' जारी है।

मार्च 2017 से अब तक पूरे प्रदेश में 251 अपराधी ढेर हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक 83 अकेले मेरठ जोन में मारे गए हैं। 15,588 से अधिक मुठभेड़ों में पुलिस ने 32,000 अपराधियों को गिरफ्तार किया, जबकि 18 पुलिसकर्मियों ने बलिदान दिया है।

लखनऊ डेस्क : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में साफ दिखाई दे रहा है। राज्य की पुलिस इस नीति का सख्ती से पालन करते हुए बदमाशों पर लगातार 'कहर' बनकर टूट रही है। कानून-व्यवस्था की बदली हुई तस्वीर में पुलिस एनकाउंटर एक प्रमुख हथियार बन गई है, जिसमें सबसे ज्यादा कार्रवाई मेरठ जोन में हुई है।

हाल ही में, मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने अभियान को तेज करते हुए लगभग डेढ़ महीने में तीन कुख्यात अपराधियों को मार गिराया है। यह आंकड़ा इस वर्ष किसी एक जिले में बदमाशों के मारे जाने की सबसे बड़ी संख्या है। मारे गए इन तीन अपराधियों में से दो एक-एक लाख रुपये के इनामी बदमाश थे।

एनकाउंटर का केंद्र मेरठ जोन

मार्च 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से, उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ अभियान एक नए स्तर पर पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि से लेकर अब तक प्रदेश भर में पुलिस मुठभेड़ों में कुल 251 अपराधी मारे जा चुके हैं।

इनमें सर्वाधिक चौंकाने वाला आंकड़ा मेरठ जोन का है, जिसने एनकाउंटर के मामले में पूरे प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। मेरठ जोन में अकेले 83 बदमाश ढेर हुए हैं, जो कुल संख्या का एक बड़ा हिस्सा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर वाराणसी जोन आता है, जहां 27 अपराधी मारे गए हैं, और तीसरे पर आगरा जोन है, जहां 21 अपराधी मारे गए हैं। मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपनी हालिया कार्रवाई में जिन तीन कुख्यातों को ढेर किया, उनका आपराधिक रिकॉर्ड बेहद संगीन था।

पुलिस-बदमाश मुठभेड़ों का विस्तृत रिपोर्ट

20 मार्च, 2017 से अब तक पुलिस और बदमाशों के बीच कुल 15,588 से अधिक मुठभेड़ें हुई हैं। इन मुठभेड़ों का लक्ष्य केवल अपराधियों को मारना नहीं, बल्कि कानून के शिकंजे में कसना और उन्हें घायल कर निष्क्रिय करना भी रहा है। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान लगभग 32,000 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, इन कार्रवाइयों में 10 हजार से अधिक बदमाश घायल हुए हैं, जिससे उनकी आपराधिक गतिविधियों पर विराम लगा है। हालांकि, यह अभियान पुलिस बल के लिए भी जोखिम भरा रहा है। बदमाशों से मुकाबले में अब तक 18 जांबाज पुलिसकर्मी बलिदान हुए हैं और 1947 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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