यूपी कैबिनेट के 15 बड़े फैसले: ई-बस, नया विश्वविद्यालय, ओउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती और मेडिकल कॉलेज को मंजूरी

UP Cabinet Meeting
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यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में 15 बड़े फैसले, लखनऊ-कानपुर में ई-बसें, शाहजहांपुर में विश्वविद्यालय, हाथरस में मेडिकल कॉलेज और रोजगार को बढ़ावा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 15 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जो राज्य के विकास को नई दिशा देंगे। इनमें नगरीय परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए लखनऊ और कानपुर में ई-बसों का संचालन, उत्तरप्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम का गठन, और इलेक्ट्रॉनिक्स व निर्यात प्रोत्साहन नीतियों को स्वीकृति शामिल है।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में शाहजहांपुर में नया विश्वविद्यालय, वाराणसी में दिव्यांगजनों के लिए समेकित केंद्र, और हाथरस में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी मिली। सुरक्षा के लिए गोरखपुर में विशेष सुरक्षा बल की दूसरी वाहिनी बनेगी। इसके अलावा, स्टांप विभाग को सरकारी दर्जा, धान क्रय नीति, और यमुना एक्सप्रेसवे पर नया इंटरचेंज जैसे फैसले लिए गए। ये कदम राज्य में रोजगार, उद्योग, पर्यावरण, और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देंगे।

यूपी कैबिनेट बैठक के 15 बड़े फैसले

  1. लखनऊ और कानपुर में ई-बसों का संचालन: दोनों शहरों के 10-10 रूटों पर पर्यावरण-अनुकूल बसें चलेंगी।
  2. अमृत योजना में बदलाव: निकायों के अंश को घटाने का फैसला।
  3. उत्तरप्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम का गठन: आउटसोर्सिंग भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए।
  4. नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती नहीं होगी: भर्ती व्यवस्था को स्पष्ट करने का निर्णय।
  5. स्टांप विभाग को सरकारी दर्जा: औपचारिक रूप से विभाग को मान्यता दी गई।
  6. नई इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी (6 वर्ष के लिए): डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल और मल्टीलेयर पीसीबी जैसे घटकों के उत्पादन को बढ़ावा।
  7. उत्तरप्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30: लगभग ₹882 करोड़ के खर्च का प्रावधान।
  8. टेक्सटाइल नीति में संशोधन: 2017 से पहले निवेश करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन।
  9. दुग्धशाला विकास नीति में संशोधन: निवेश और डेयरी विकास को बढ़ावा।
  10. शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना।
  11. वाराणसी (रामनगर) में दिव्यांगजनों के लिए समेकित क्षेत्रीय केंद्र: 3 एकड़ भूमि निःशुल्क हस्तांतरण।
  12. हाथरस में मेडिकल कॉलेज की स्थापना: स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए।
  13. गोरखपुर में यूपी विशेष सुरक्षा बल (UP-SSF) की दूसरी वाहिनी: ₹431 करोड़ से अधिक के बजट के साथ।
  14. पैतृक संपत्ति से जुड़े बिल को मंजूरी।
  15. धान क्रय नीति और यमुना एक्सप्रेसवे पर नए इंटरचेंज के निर्माण को स्वीकृति।

नई भर्ती प्रक्रिया कैसे होगी?

अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में जेम पोर्टल के जरिए ठेका देने की प्रक्रिया अपनाई जाती थी। अब नया सिस्टम लागू होगा जिसमें:

  • उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
  • समूह-ख और ग के पदों पर लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों होंगे।
  • समूह-ग के कुछ पदों और समूह-घ के पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी।
  • चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।

आउटसोर्स कर्मचारियों को क्या सुविधाएं मिलेंगी?

हर महीने की 1 से 5 तारीख तक वेतन सीधे बैंक खाते में आएगा।

  • PF और ESI की सुविधा मिलेगी।
  • महिला कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव मिलेगी।
  • स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा का प्रावधान रहेगा।
  • सरकार समय-समय पर मानदेय में बढ़ोतरी करेगी।

हालांकि, प्रमोशन का प्रावधान नहीं होगा, लेकिन समय-समय पर वेतन और भत्तों में वृद्धि की जाएगी।

कौन-कौन से पदों पर भर्ती होगी?

  • नर्स, फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ
  • कंप्यूटर ऑपरेटर, तकनीकी सहायक
  • लिपिक, ड्राइवर, सफाई कर्मचारी, चतुर्थ श्रेणी पद
  • डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, पशु चिकित्सक
  • प्लंबर, लिफ्ट मैन, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पहले से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर कोई असर नहीं होगा। जिन एजेंसियों के टेंडर खत्म होंगे, उनके कर्मचारी नई कंपनी के माध्यम से उसी विभाग में काम करते रहेंगे।

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