यूपी का 'ग्रीन विजन': 2047 तक सभी शहर बनेंगे सोलर सिटी, सरकार का शून्य कार्बन उत्सर्जन का संकल्प

Uttar Pradesh Solar City Plan
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 'विकसित यूपी-2047' विजन के तहत प्रदेश को ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में एक नई दिशा देने की योजना तैयार की गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना का सबसे बड़ा लक्ष्य आने वाले 22 सालों में उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों को 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित करना है।
इसके साथ ही, यूपी को जलवायु के अनुकूल और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला राज्य बनाने का भी संकल्प लिया गया है। यह विजन न केवल पर्यावरण को सुधारेगा, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में यूपी को आत्मनिर्भर भी बनाएगा, जिससे प्रदेश एक ग्रीन हब के रूप में उभरेगा।
यह योजना दो मुख्य चरणों में काम करेगी, जिसके लिए स्पष्ट लक्ष्य तय किए गए हैं:
लघु अवधि (2030 तक):
- अयोध्या समेत सभी बड़े शहरों को सोलर सिटी में बदलना।
- राज्य में वृक्षों के आच्छादन को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना।
- थर्मल ऊर्जा पर निर्भरता कम करके 50 प्रतिशत ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग को बढ़ावा देना।
दीर्घ अवधि (2047 तक):
- उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से जलवायु सहिष्णु राज्य के रूप में विकसित करना।
- वृक्षों के आच्छादन को बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाना।
- राज्य के सभी प्रमुख शहरों में शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करना।
- ग्रीन हाइड्रोजन और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना।
- वन क्षेत्र में राष्ट्रीय योगदान को तीन प्रतिशत तक बढ़ाना।
विजन को हकीकत बनाने वाली नीतियाँ
सरकार ने इस विजन को साकार करने के लिए कई नीतियों को लागू किया है, जो सीधे इन लक्ष्यों से जुड़ी हैं:
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022: इस नीति का लक्ष्य 2026-27 तक 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है, जिसमें से 14,000 मेगावाट यूटिलिटी-स्केल से और 8,000 मेगावाट रूफटॉप सोलर से आएगी। यह सौर ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से शहरों को आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखेगा।
- ग्रीन हाइड्रोजन नीति: प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए भी एक नीति बनाई है, जिसका उद्देश्य निवेशकों को आकर्षित करना है। ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का स्वच्छ ईंधन है, और इसमें वैश्विक नेतृत्व का लक्ष्य इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
- इलेक्ट्रिक वाहन नीति: 'उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण एवं गतिशीलता नीति 2022' के तहत, सरकार ने अगले पाँच वर्षों में 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रखा है। यह नीति इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी देकर और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करके कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी।
उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
पिछले आठ वर्षों में, राज्य सरकार ने इन लक्ष्यों की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाए गए हैं, जैसे कि 'गंगा हरियाली अभियान', जिसने वृक्षों के आच्छादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह कदम न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। 'सोलर सिटी' परियोजनाएं ऊर्जा क्षेत्र में निवेश लाएंगी, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन और ग्रीन हाइड्रोजन नीतियां भविष्य की हरित अर्थव्यवस्था के लिए रास्ता खोलेंगी। 'विकसित यूपी-2047' विजन के साथ, उत्तर प्रदेश एक ऐसा मॉडल पेश कर रहा है जो आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थिरता को भी प्राथमिकता देता है।
