यूपी सरकार ने पेश किया 24,496 करोड़ का अनुपूरक बजट: औद्योगिक विकास और जनहित योजनाओं पर जोर

औद्योगिक विकास और जनहित योजनाओं पर जोर
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए विशेष आवंटन किया गया है ताकि ग्रामीण इलाकों तक बेहतर इलाज पहुंच सके।

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24,496.98 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। यह 8.08 लाख करोड़ के मूल बजट के अतिरिक्त है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना पहला अनुपूरक बजट पेश कर दिया है।

संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सदन के पटल पर रखे गए 24,496.98 करोड़ रुपये के इस भारी-भरकम बजट का मुख्य उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और आगामी चुनावों से पहले जन-कल्याणकारी योजनाओं को रफ्तार देना है।

यह बजट फरवरी में पारित हुए 8.08 लाख करोड़ रुपये के मूल बजट के अतिरिक्त है, जो राज्य की बढ़ती वित्तीय जरूरतों और विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बजट का वित्तीय ढांचा और आवंटन

सदन में दी गई जानकारी के अनुसार, इस अनुपूरक बजट में सरकार ने राजस्व और पूंजीगत व्यय के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश की है।

कुल बजट में से 18,379.30 करोड़ रुपये राजस्व लेखा व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं, जो योजनाओं के संचालन और प्रशासनिक कार्यों में खर्च होंगे।

वहीं, 6,127.68 करोड़ रुपये पूंजी लेखा व्यय के लिए रखे गए हैं, जिसका सीधा उपयोग नई संपत्तियों के निर्माण, सड़कों और पुलों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा।

औद्योगिक विकास और ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता

सरकार ने इस बजट में 'इंडस्ट्रियल स्टेट' की छवि को मजबूत करने के लिए औद्योगिक विकास पर विशेष फोकस किया है।

एक्सप्रेसवे के किनारे बन रहे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और नए निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए अतिरिक्त फंड आवंटित किया गया है।

इसके साथ ही, पावर सेक्टर के लिए भी बड़ी राशि दी गई है ताकि गर्मियों के सीजन और खेती के समय बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और पारेषण तंत्र को और अधिक सक्षम बनाया जा सके।

स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला कल्याण पर निवेश

मेडिकल और तकनीकी शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर है। बजट में नए मेडिकल कॉलेजों के संचालन और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में आधुनिक लैब के लिए प्रावधान किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्र के लिए विशेष आवंटन किया गया है ताकि ग्रामीण इलाकों तक बेहतर इलाज पहुंच सके। इसके अलावा, 'वीमेन एंड चाइल्ड वेलफेयर' के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा और पोषण योजनाओं को मजबूती देने के लिए ठोस वित्तीय व्यवस्था की गई है।

नगर विकास और किसानों के लिए बड़ी राहत

शहरी क्षेत्रों में जल निकासी, स्वच्छता और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को गति देने के लिए नगर विकास विभाग को अतिरिक्त बजट दिया गया है।

कृषि क्षेत्र की बात करें तो सरकार ने गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए गन्ना एवं चीनी मिलों के लिए बजट का एक हिस्सा सुरक्षित किया है।

इसका उद्देश्य चीनी मिलों का आधुनिकीकरण करना और किसानों के भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व तेज बनाना है।


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