योगी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई पर 1% रिकवरी छूट! 167 करोड़ की प्रतिपूर्ति से 15 लाख किसानों को सीधा लाभ

नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई पर 1% रिकवरी छूट! 167 करोड़ की प्रतिपूर्ति से 15 लाख किसानों को सीधा लाभ
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नान -हाइब्रिड धान पर1% की छूट लागू होने से चावल उद्योग को समग्र राहत मिलेगी

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इससे 15 लाख किसानों और 2000 मिलर्स को 167 करोड़ की प्रतिपूर्ति मिलेगी।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कृषि और चावल उद्योग को मजबूती देने के उद्देश्य से एक बड़ा और किसान-हितैषी निर्णय लिया है। यह निर्णय नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर 1% रिकवरी छूट प्रदान करने से संबंधित है।

इसको लेकर आज, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने इस फैसले के व्यापक लाभों और क्रियान्वयन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस कदम से प्रदेश के 13 से 15 लाख अन्नदाता किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलर्स को सीधा लाभ मिलेगा। यह निर्णय राज्य में धान खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और चावल मिलों को आर्थिक प्रोत्साहन देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मिलर्स को167 करोड़ की प्रतिपूर्ति, तेज़ होगी सरकारी खरीद

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य सरकार इस रिकवरी छूट के तहत राइस मिलों को 167 करोड़ की प्रतिपूर्ति प्रदान करेगी। यह वित्तीय सहायता मिलर्स के नुकसान की भरपाई करेगी, जिससे उन्हें सरकारी धान की कुटाई में होने वाले संभावित नुकसान से राहत मिलेगी। रिकवरी छूट मिलने से राइस मिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे वे अधिक उत्साह के साथ सरकारी खरीद प्रक्रिया में भाग लेंगे।

प्रतिस्पर्धा बढ़ने से धान की सरकारी खरीद और कुटाई की प्रक्रिया और तेज होगी, जिसका सीधा और तात्कालिक फायदा किसानों को होगा—उन्हें अपनी उपज का भुगतान समय पर मिलेगा और खरीद प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा। यह छूट उन मिलर्स के लिए एक बड़ी राहत है जो अक्सर नॉन-हाइब्रिड धान से कम चावल रिकवरी होने की शिकायत करते थे।

रोजगार सृजन और कृषि आधारित उद्योगों में निवेश को बढ़ावा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय का उद्देश्य केवल किसानों को राहत देना नहीं है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति देना है। वित्त मंत्री ने बताया कि यह कदम प्रदेश में 2 लाख रोजगार के अवसरों को सुदृढ़ करेगा। राइस मिलों को प्रोत्साहन मिलने से उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, मिलिंग का कार्य स्थानीय स्तर पर अधिक होगा, जिससे स्थानीय श्रमिकों को बड़े पैमाने पर काम मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय से किसानों और मिलर्स दोनों को सीधा प्रोत्साहन मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप कृषि आधारित उद्योगों में निवेश में वृद्धि होगी। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।

हाइब्रिड और नॉन-हाइब्रिड धान पर संतुलित राहत

सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार ने पहले ही हाइब्रिड धान की कुटाई पर 3% रिकवरी छूट लागू कर रखी है, जिसके लिए सरकार हर वर्ष लगभग 100 करोड़ की प्रतिपूर्ति करती है। अब नॉन-हाइब्रिड धान पर भी 1% की छूट लागू होने से चावल उद्योग को एक समग्र राहत मिलेगी। यह कदम सुनिश्चित करता है कि दोनों तरह के धान की खरीद और कुटाई सुचारू रूप से हो सके।

यह किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने और राइस मिलर्स को नुकसान से बचाने के लिए एक आवश्यक और संतुलित नीति है।

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