UP: विश्वविद्यालयों में शुरू होंगी डिजिटल लाइब्रेरी सेवाएं, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किए 38 MoU पर हस्ताक्षर

KGMU लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 38 एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
UP News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), लखनऊ में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केंद्र की सेवाएं लागू करने हेतु 38 समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली को डिजिटल संसाधनों से जोड़ना, शोध एवं अध्ययन को वैश्विक स्तर तक पहुंचाना और विद्यार्थियों व शोधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण डिजिटल पुस्तकालय सेवाएं प्रदान करना है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज के युग में ज्ञान और शोध के क्षेत्र में सूचना की आसान उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से अपने पुस्तकालयों को आधुनिक डिजिटल तकनीकों से लैस करने का आह्वान किया ताकि छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री तक सहजता से पहुंच सकें।
@INFLIBNET Centre signed an MoU with 38 State Public Universities & HEIs of Uttar Pradesh on 22 July 2025, under the chairmanship of Hon’ble Governor Smt. Anandiben Patel, at KGMU, Lucknow.
— INFLIBNET Centre (@INFLIBNET) July 22, 2025
The MoU facilitates INFLIBNET services across all public universities in Uttar Pradesh. pic.twitter.com/TLLyeByLHP
आनंदीबेन पटेल को मिले तीन विश्व रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए सम्मानित किया गया। इन रिकॉर्ड्स में शामिल हैं:
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) पर आयोजित सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में 14,02,597 प्रतिभागियों की भागीदारी।
- “पढ़े विश्वविद्यालय, बढ़े विश्वविद्यालय” अभियान में 15,77,960 प्रतिभागियों द्वारा सामूहिक पठन।
- दहेज मुक्त और नशा मुक्त भारत अभियान में 16,05,847 लोगों द्वारा सामूहिक शपथ ग्रहण।
राज्यपाल ने कहा कि ये उपलब्धियां केवल रिकॉर्ड नहीं, बल्कि प्रदेश की शिक्षा प्रणाली और सामाजिक जागरूकता में जनभागीदारी का प्रतीक हैं।
शोध, नवाचार और सामाजिक सरोकारों पर जोर
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे समाजोपयोगी और व्यावहारिक शोध को प्राथमिकता दें। उन्होंने खास तौर पर किसानों, महिलाओं, बच्चों, ग्रामीण क्षेत्रों, स्वास्थ्य और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु गंभीर अनुसंधान की आवश्यकता बताई।
उन्होंने गुजरात में स्थापित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए बताया कि इस संस्थान की स्थापना में भूमि का प्रबंधन उन्होंने स्वयं किया था। उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना जैसे अनुसंधान कार्यों की सराहना करते हुए भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की प्राचीन पांडुलिपियों में अत्यंत उच्च स्तरीय शोध कार्य मौजूद हैं और विश्वविद्यालयों को इन्हें फिर से जागृत करने की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालयों के लिए डिजिटल डैशबोर्ड का लोकार्पण
इस अवसर पर राज्यपाल ने एक विशेष डिजिटल डैशबोर्ड का उद्घाटन भी किया, जो प्रदेश के विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, प्रशासनिक और शोध गतिविधियों की निगरानी और मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
