किसानों की समृद्धि का नया अध्याय: यूपी में धान खरीद ने पकड़ी रफ्तार, 23 दिन में 35 हजार मीट्रिक टन से अधिक खरीद

यूपी में धान खरीद ने पकड़ी रफ्तार, 23 दिन में 35 हजार मीट्रिक टन से अधिक खरीद
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इस वर्ष पूरे प्रदेश में 3,300 से अधिक खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।

UP Paddy Procurement 2025: योगी सरकार की धान खरीद मुहिम में अब तक 35.63 हजार मीट्रिक टन खरीद, किसानों को 48 घंटे में बैंक खातों में भुगतान। सरकार का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए चल रही धान खरीद प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। योगी सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को साधते हुए, शुरुआती 23 दिनों के भीतर ही 35.63 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। यह खरीद किसानों को बड़ा लाभ पहुंचा रही है।

1.37 लाख से अधिक किसानों ने अपना पंजीकरण कराया है। सरकार ने किसानों को भुगतान उनके आधार लिंक्ड बैंक खातों में सीधे और त्वरित रूप से सुनिश्चित किया है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है।

लक्ष्य की ओर बढ़ते कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। खरीद प्रक्रिया शुरू होने के शुरुआती 23 दिनों में ही 35.63 हजार मीट्रिक टन से अधिक की खरीद करके, सरकार ने अपने लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाया है। धान बिक्री के लिए किसानों का उत्साह देखते ही बन रहा है। खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 23 अक्टूबर की दोपहर तक 1.37 लाख से अधिक किसानों ने सफलतापूर्वक अपना पंजीकरण करा लिया है।

यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है और यह दर्शाता है कि सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों का विश्वास बढ़ा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के साथ-साथ, लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जैसे प्रमुख धान उत्पादक जनपदों में खरीद जोरों पर चल रही है। सभी खरीद एजेंसियां, जिनमें खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपीएसएस, यूपीपीसीयू, मंडी परिषद और केंद्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य निगम शामिल हैं, इस कार्य को तत्परता से पूरा कर रही हैं।

सरकार ने धान खरीद को और अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी गई है, जिसे वे आधिकारिक वेबसाइट www.fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप 'UP KISAN MITRA' के माध्यम से कर सकते।

डिजिटल भुगतान और किसान हितैषी नीति

योगी सरकार की किसान हितैषी नीतियों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में बिना किसी देरी के मिल रहा है। किसानों को भुगतान सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खातों में किया जा रहा है, जिससे उन्हें बिचौलियों के हस्तक्षेप से मुक्ति मिली है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि किसानों को उनकी उपज का पूरा और उचित मूल्य समय पर मिले।

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, जो एक बड़ी राहत है। पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए ओटीपी आधारित सिंगल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।

किसान अपने मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त ओटीपी को भरकर आसानी से अपना पंजीकरण पूरा कर सकते हैं। इस नई व्यवस्था से पंजीकरण में लगने वाला समय कम हुआ है और प्रक्रिया त्रुटि रहित बनी है। सरकार ने किसानों के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी वृद्धि की है।

सामान्य धान के लिए MSP ₹2,369 प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए ₹2,389 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 69 प्रति क्विंटल अधिक है। यह बढ़ोतरी किसानों को उनकी लागत से अधिक रिटर्न सुनिश्चित करती है।

खरीद केंद्रों की व्यवस्था और लक्ष्य

उत्तर प्रदेश में धान खरीद को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त संख्या में खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं और खरीद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष रणनीति अपनाई गई है। इस वर्ष पूरे प्रदेश में 3,300 से अधिक खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर किसानों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकें।

खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर 28 फरवरी तक चलेगी। पहली बार बटाईदार किसानों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराने की अनुमति दी गई है। यह कदम उन छोटे और बटाई पर खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, जो पहले सरकारी खरीद का लाभ नहीं उठा पाते थे। खरीद की गति में इस वर्ष स्पष्ट वृद्धि देखने को मिली है।

पिछले वर्ष की इसी अवधि 13 नवंबर तक की तुलना में, इस वर्ष 65,820 मीट्रिक टन से अधिक की खरीद हुई है। इस वर्ष अब तक 42,845 किसानों से खरीद हुई है, जबकि पिछले वर्ष 35,863 किसानों से ही खरीद हो पाई थी।

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