योगी सरकार की नई योजना: ग्रामीण पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा "फार्म-स्टे" !

Farm-stay scheme Uttar Pradesh
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(File Photo)

यूपी सरकार की फार्म-स्टे योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, निवेशकों को सब्सिडी, टैक्स में छूट और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

Uttar Pradesh Tourism Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। पर्यटन विभाग ने फार्म-स्टे योजना में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशकों को भारी सब्सिडी और कई तरह की छूट देने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि पर्यटकों को ग्रामीण जीवन, कृषि गतिविधियों और स्थानीय संस्कृति का अनुभव करने का अवसर देता है।

क्या है फार्म-स्टे योजना?

फार्म-स्टे योजना एक ऐसी पहल है जो ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत, किसान या ग्रामीण उद्यमी अपने खेत या उसके पास के आवासीय भवन में पर्यटकों के लिए आवास की व्यवस्था कर सकते हैं।

  • यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करती है और स्थानीय उत्पादों व हस्तशिल्प को बढ़ावा देती है।
  • सरकार इस योजना के तहत फार्म-स्टे स्थापित करने के लिए निवेशकों को सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और स्टांप शुल्क में छूट जैसे प्रोत्साहन प्रदान करती है।
  • फार्म-स्टे में रुकने वाले पर्यटकों को अक्सर कृषि कार्य, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन, और फार्म टूर जैसी गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलता है।
  • यह शहरी पर्यटकों को शहरों की भागदौड़ से दूर, शांत और प्राकृतिक वातावरण में रहने का एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है।

पूंजी निवेश पर आकर्षक सब्सिडी का प्रावधान

यह योजना निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई श्रेणियों में पूंजी निवेश पर सब्सिडी दे रही है। निवेश की राशि के अनुसार सब्सिडी की दरें अलग-अलग हैं, जो 25% से लेकर 10% तक हैं। अधिकतम 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है।

  • 10 लाख से 10 करोड़ रुपये: 25% सब्सिडी (अधिकतम 2 करोड़ रुपये)
  • 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपये: 20% सब्सिडी (अधिकतम 7.5 करोड़ रुपये)
  • 50 करोड़ से 200 करोड़ रुपये: 15% सब्सिडी (अधिकतम 20 करोड़ रुपये)
  • 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपये: 10% सब्सिडी (अधिकतम 25 करोड़ रुपये)
  • 500 करोड़ रुपये से अधिक: 10% सब्सिडी (अधिकतम 40 करोड़ रुपये)

सरकार ने यह तय किया है कि योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे। महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को सामान्य सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त 5% की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, जो प्रोजेक्ट्स फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशंस में स्थापित किए जाएंगे, उन्हें भी 5% अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी स्थिति में कुल सब्सिडी 30% की सीमा से अधिक नहीं होगी।

ब्याज और अन्य शुल्कों पर छूट

  • निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने ब्याज सब्सिडी का भी प्रावधान किया है।
  • 5 करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण पर 5% की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।
  • एक निवेशक को प्रति वर्ष 25 लाख रुपये की अधिकतम सब्सिडी मिल सकेगी, और यह सुविधा 5 साल तक जारी रहेगी।
  • इसके अलावा, स्टांप ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क और विकास शुल्क पर 100% की छूट मिलेगी, जिससे निवेशकों का बोझ काफी कम हो जाएगा।
  • स्थानीय रोजगार और दिव्यांगों के लिए प्रोत्साहन
  • योजना उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करना है।
  • जो इकाइयां 50 या उससे अधिक स्थानीय कर्मचारियों को नौकरी देंगी, उन्हें नियोक्ता द्वारा जमा किए जाने वाले ईपीएफ (EPF) योगदान की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। यह सुविधा 5 साल तक उपलब्ध रहेगी।
  • दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसी इकाइयों को प्रति दिव्यांग कर्मचारी 1,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम पांच कर्मचारियों तक मान्य होगी।

ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ का लक्ष्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाना है। फार्म-स्टे के माध्यम से किसान अपनी जमीन का उपयोग करते हुए अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे, और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह पहल उत्तर प्रदेश को एक आकर्षक ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।

सोर्स: हरिभूमि लखनऊ ब्यूरो

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