एक्शन मोड में चुनाव आयोग: 38 निष्क्रिय पार्टियों पर गिरी गाज, 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी सफाई

Election commission Of India
UP Assembly Elections 2027: उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग एक्शन मोड में आ गया है। छह साल से चुनाव न लड़ने वाली 38 राजनीतिक पार्टियों पर शिकंजा कस दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने इन दलों के प्रतिनिधियों को तलब कर उनके संपर्क विवरण – ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और मौजूदा पते को तुरंत अपडेट करने का निर्देश दिया।
क्यों उठाया गया कदम?
आयोग का मानना है कि कई पंजीकृत पार्टियां केवल कागजों पर मौजूद होती हैं। ये न तो चुनाव लड़ती हैं और न ही जनता से जुड़ती हैं। बल्कि, आयकर छूट और चंदा उगाहने जैसे फायदे उठाने के लिए पंजीकरण का दुरुपयोग करती हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया में अनावश्यक जटिलता और भीड़ बढ़ती है।
121 दलों पर हुई थी निगरानी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पहले ऐसे 121 दलों की पहचान की थी, जिनमें से 70 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। मंगलवार की सुनवाई में 38 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए और इनमें से कई ने अपने दस्तावेज अपडेट करने का वादा किया।
पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव से जुड़ा मामला
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सीधे तौर पर आगामी पंचायत चुनावों और 2027 के विधानसभा चुनावों से जुड़ा है। आयोग चाहता है कि केवल सक्रिय और वास्तविक राजनीतिक दल ही चुनावी प्रक्रिया में बने रहें।
पारदर्शिता और लोकतंत्र को मजबूती
इस कार्रवाई से चुनावी मैदान न केवल साफ होगा बल्कि मतदाताओं को भी बेहतर और असली विकल्प मिलेंगे। आयोग का कहना है कि पंचायत स्तर से लेकर विधानसभा तक, केवल वही पार्टियां चुनाव लड़ेंगी जो वास्तव में जनता के बीच सक्रिय हैं। इससे लोकतंत्र की नींव और मजबूत होगी।
