मिशन 2027: बिहार की 'चोट' के बाद UP में 'मरहम' ढूंढेगी कांग्रेस! 18 नवंबर को हाईकमान का मंथन

बिहार की चोट के बाद UP में मरहम ढूंढेगी कांग्रेस! 18 नवंबर को हाईकमान का मंथन
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

इस बैठक में मुख्य रूप से मतदाता सूची सुधार अभियान और आगामी चुनावों के लिए संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

लखनऊ : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस का पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश पर केंद्रित हो गया है। पार्टी हाईकमान ने उत्तर प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तलब किया है, जहां आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति और संगठन को मजबूत करने पर गहन मंथन किया जाएगा।

18 नवंबर को अहम बैठक - एजेंडा और उद्देश्य

उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेताओं की यह महत्वपूर्ण बैठक 18 नवंबर को होनी है। इस बैठक में मुख्य रूप से दो बड़े एजेंडों पर चर्चा होगी: मतदाता सूची सुधार (SIR) अभियान और संगठन को मजबूत करना। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने वोट चोरी और मतदाता सूची से नाम हटाए जाने का मुद्दा उठाया था।

इसे ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस हाईकमान ने यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया है कि उत्तर प्रदेश में ऐसा न हो। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

मतदाता सूची सुधार पर कांग्रेस का फोकस

कांग्रेस का आरोप है कि बिहार में लगभग 65 लाख वोट काटे गए। इसी को आधार बनाकर, पार्टी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को जागरूक करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावी चुनौतियों के लिए पार्टी को तैयार करना भी मुख्य उद्देश्य है।

बिहार चुनाव में कई नेताओं को मिली जिम्मेदारी के बावजूद वे कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए, जिसके कारण कई नेताओं का कद घटने की आशंका है।

गठबंधन की चुनौती और यूपी का सियासी माहौल

बिहार चुनाव के परिणाम ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के बीच निराशा पैदा की है और इससे 'इंडी' गठबंधन के मनोबल को झटका लगा है। बिहार की हार से यूपी में भी विपक्ष की बिसात लड़खड़ा गई है, जिससे कांग्रेस के सामने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन बनाए रखने और उस पर जनता का विश्वास जगाने की बड़ी चुनौती है।

भाजपा, जिसे बिहार में जीत मिली है, उसे उत्तर प्रदेश में भी एक मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली है। ऐसे माहौल में, कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए मजबूत और प्रभावी मुद्दे तय करने की योजना बना रही है, साथ ही बूथ स्तर बूथ लेवल एजेंट और विधानसभा क्षेत्र स्तर पर कॉर्डिनेटर नियुक्त करके संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख नेता

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता आराधना मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, बाराबंकी के सांसद तनुज पुनिया, सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद सहित लगभग 57 वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल होंगे।

यह बैठक न सिर्फ उत्तर प्रदेश में पार्टी की दिशा तय करेगी, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस की आगे की राह के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


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