यूपी नंबर वन: आयुष्मान योजना में यूपी अव्वल! 5.38 करोड़ कार्ड बनाकर रचा इतिहास

UP Becomes First State to Create 5.38 Crore Ayushman Cards
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आयुष्मान योजना में यूपी ने 5.38 करोड़ कार्ड बनाकर इतिहास बनाया है। 

उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत योजना के सफल क्रियान्वयन के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। यूपी सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाने का रिकॉर्ड बनाया है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सबसे ज्यादा कार्ड बनाकर देश में पहला स्थान हासिल किया है। राज्य में अब तक 5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिससे यूपी इस योजना को लागू करने में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। यह उपलब्धि तब हासिल हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 सितंबर 2018 को शुरू की गई इस योजना ने हाल ही में अपने सात साल पूरे किए हैं।

यूपी का ऐतिहासिक रिकॉर्ड: 5.38 करोड़ कार्ड धारक

उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत योजना के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राज्य में कुल 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लोगों के कार्ड बन चुके हैं। यह संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के चलते राज्य के 87% पात्र परिवारों में कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन गया है। यह न केवल लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा दे रहा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार वंचित और गरीब परिवारों तक पहुंचने में सफल रही है।

विस्तार - नए लाभार्थियों को जोड़ना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर, यह योजना अब सिर्फ सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के आंकड़ों तक सीमित नहीं है। योजना में लगातार नए वर्गों को शामिल किया जा रहा है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें। अब इस योजना में कुंभ वर्कर्स, मान्यता प्राप्त पत्रकार, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, निर्माण श्रमिक, अंत्योदय कार्ड धारक, और 70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को भी इस योजना का लाभ देने की घोषणा की है। यह विस्तार योजना को 'यूनिवर्सल कवरेज' की ओर ले जा रहा है, जिसका लक्ष्य है कि राज्य का हर पात्र नागरिक स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ सके।

उपचार सहायता पर 12,283 करोड़ रुपये खर्च

आयुष्मान भारत योजना के तहत यूपी में अब तक 74.40 लाख लाभार्थियों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। इन उपचारों पर कुल 12,283 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो दर्शाता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर कितना निवेश कर रही है। इसमें से 4200 करोड़ रुपये सिर्फ गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, कार्डियोलॉजी, अंग प्रत्यारोपण और शिशु कैंसर पर खर्च किए गए हैं। यह राशि उन गरीब परिवारों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है जो इन महंगी बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते थे।

स्वास्थ्य केंद्रों का बड़ा नेटवर्क- 6099 सूचीबद्ध अस्पताल

उत्तर प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत 6099 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है, जो पूरे देश में सबसे ज़्यादा है। इसमें 2921 सरकारी और 3088 निजी अस्पताल शामिल हैं। यह विशाल नेटवर्क यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थियों को उनके घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके। ज़्यादा अस्पतालों की उपलब्धता ने इलाज तक पहुंच को आसान बना दिया है और लंबी दूरी तय करने की ज़रूरत को कम कर दिया है।

सफलता की इनसाइड स्टोरी

इस सफलता के पीछे सरकार का जमीनी स्तर पर काम करने का संकल्प है। डोर-टू-डोर अभियान, शिविरों का आयोजन, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग, जैसे प्रयासों ने लाभार्थियों तक पहुंच को आसान बनाया है। इसके अलावा, योजना में शिशु और मातृ स्वास्थ्य, पोषण संबंधी देखभाल, और मानसिक स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को भी शामिल करने पर जोर दिया गया है।

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