दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन: यूपी के 8 जिलों के मदरसे ATS की राडार पर, मांगा छात्रों-मौलवियों का विस्तृत ब्यौरा

यूपी के 8 जिलों के मदरसे ATS की राडार पर, मांगा छात्रों-मौलवियों का विस्तृत ब्यौरा
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एटीएस इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की एक बड़ी आशंका के रूप में देख रही है।

एटीएस ने विदेशी फंडिंग और संदिग्ध गतिविधियों के शक में छात्रों, मौलवियों व प्रबंधकों के नाम, पता और फोन नंबर सहित विस्तृत जानकारी मांगी है।

लखनऊ : यूपी एटीएस ने दिल्ली में हुए बम धमाके के बाद आतंकी मॉड्युल की जांच का दायरा बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के मदरसों में अपनी छानबीन तेज कर दी है। एटीएस विशेष रूप से दूसरे प्रदेशों के निवासियों छात्रों, मौलवियों और प्रबंधकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

यह जांच खास तौर पर राज्य के आठ जिलों के मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में चल रही है।

जांच के घेरे में 8 जिलों के मदरसे

एटीएस ने प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखकर मदरसों के सभी छात्रों, मौलवियों और प्रबंधकों का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।

इस सूचना में उनका पूरा पता, पिता का नाम और फोन नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि इन संस्थानों में कोई भी राष्ट्रविरोधी या संदिग्ध गतिविधि न चल रही हो, और विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग न हो।

जम्मू-कश्मीर कनेक्शन और फंडिंग पर शक

सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए जम्मू-कश्मीर निवासी डॉ. अदील के संपर्कों की जांच के दौरान कुछ मदरसों के मौलवी और छात्र संदेह के घेरे में आए हैं, जिनमें से कई जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। एटीएस पिछले दो वर्षों से मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की गहनता से जांच कर रही है।

संदेह है कि शैक्षिक कार्यों के लिए आ रही इस विदेशी रकम का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों और अवैध मतांतरण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

नेपाल सीमा पर मदरसों की संख्या वृद्धि भी संदेह का कारण

नेपाल सीमा से सटे जिलों बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी व पीलीभीत में बीते कुछ वर्षों में मदरसों की संख्या में तेज वृद्धि हुई है। एटीएस इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की एक बड़ी आशंका के रूप में देख रही है।

विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग की जांच के लिए दो वर्ष पहले तत्कालीन एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया गया था, जिसने प्रदेश के सभी लगभग 24 हजार मदरसों की फंडिंग की सिलसिलेवार जांच शुरू की थी।

जांच में सहयोग के लिए मंत्री का आश्वासन

प्रदेश में लगभग 16 हजार मान्यता प्राप्त और 8441 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं। एसआईटी के अभियान के तहत नेपाल सीमा से सटे जिलों और आसपास के क्षेत्रों में कई अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई और कुछ को ध्वस्त भी कराया गया था।

इन सबके बीच, पंचायती राज एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने स्पष्ट किया है कि एटीएस ने मदरसों से संबंधित जो भी सूचनाएं मांगी हैं, विभाग उसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराएगा और जांच में पूरा सहयोग करेगा।

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