अयोध्या: राम मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों पर हमले की फिराक में था आतंकी अदनान, एटीएस का बड़ा खुलासा

राम मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों पर हमले की फिराक में था आतंकी अदनान, एटीएस का बड़ा खुलासा
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इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

अदनान के निशाने पर राम मंदिर के अलावा यूपी के कई अन्य धार्मिक स्थल भी थे। अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े इस षड्यंत्र को ध्वस्त कर एटीएस ने बड़े खतरे को टाल दिया है।

आयोध्या: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक अत्यंत गंभीर और खतरनाक साजिश का पर्दाफाश किया है। यह साजिश अयोध्या में भव्य राम मंदिर को निशाना बनाने की थी, जिसके केंद्र में आतंकी अदनान नामक एक शख्स था। एटीएस के खुलासे के अनुसार, अदनान न केवल राम मंदिर, बल्कि राज्य के कई अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाने की फिराक में था।

सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते इस बड़ी आतंकी योजना को ध्वस्त करके एक संभावित बड़े खतरे को टाल दिया है। इस मामले में आगे की विस्तृत जांच जारी है ताकि इस साजिश के पूरे नेटवर्क को बेनकाब किया जा सके।

साजिश का मुख्य सूत्रधार और उसका नेटवर्क

एटीएस की गहन जांच से पता चला है कि अदनान कई दिनों से इस हमले की नापाक योजना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। उसके पास से ऐसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और दस्तावेज मिले हैं जो उसकी आतंकी मंशाओं की पुष्टि करते हैं।

अदनान सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों से लगातार संपर्क में था। यह नेटवर्क सीमा पार से संचालित हो रहा था, जहा से उसे हमले की रूपरेखा, फंडिंग और आवश्यक सामग्री जुटाने के निर्देश मिल रहे थे।

एटीएस का मानना है कि अदनान केवल एक मोहरा था, जबकि इसके पीछे एक सुनियोजित और व्यापक षड्यंत्र काम कर रहा था जिसका उद्देश्य धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ना और उत्तर प्रदेश में दहशत फैलाना था। सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता ने इस बड़े नुकसान को होने से पहले ही रोक दिया।

राम मंदिर के अलावा अन्य धार्मिक स्थल भी थे निशाने पर

जांच में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि राम मंदिर के साथ-साथ अदनान के निशाने पर यूपी के कई अन्य संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले धार्मिक स्थल भी थे। इन स्थलों को चुनने के पीछे आतंकी संगठनों का मकसद ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुचाना और देश में सांप्रदायिक तनाव को भड़काना था।

एटीएस अब उन सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है जिनका उल्लेख अदनान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मिली जानकारी में हुआ है। इस खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस ने सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के आसपास सुरक्षा घेरा मजबूत कर दिया है।

यह कदम आगामी त्योहारों और महत्वपूर्ण आयोजनों को देखते हुए भी अत्यंत आवश्यक हो गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और जनता में विश्वास बना रहे।

सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता

यूपी एटीएस ने इस ऑपरेशन को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया, जिससे अदनान को भागने या अपने सहयोगियों को सतर्क करने का मौका नहीं मिला। अब एटीएस की टीमें अदनान से मिली जानकारी के आधार पर उसके स्थानीय और विदेशी दोनों तरह के संपर्कों की जांच कर रही हैं।

यह पता लगाया जा रहा है कि इस साजिश में कितने अन्य लोग शामिल थे और उन्हें कहाँ से प्रशिक्षण या फंडिंग मिली थी। इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

आपको बता दें कि अदनान को दिल्ली पुलिस ने मप्र एटीएस ने 4 जून 2024 में के ज्वाइंट ऑपरेशन से भोपाल के करोंद से गिरफ्तार किया था। अदनान सीए की तैयारी कर रहा था। दिल्ली में आइएसआइएस से जुड़े अदनान नाम के ही एक और संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर भोपाल में अदनान को गिरफ्तार किया गया।

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