Annapurna Rasoi Yojana: यूपी के 17 शहरों में 22.50 रुपये में भरपेट भोजन, "अन्नपूर्णा रसोई" योजना शुरू

यूपी के 17 शहरों में अन्नपूर्णा रसोई" योजना शुरू
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 17 नगर निगमों में 'अन्नपूर्णा रसोई' योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीबों और मजदूरों को बहुत कम कीमत पर पौष्टिक और भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है। इस पहल से लाखों लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो महंगे खाने का खर्च नहीं उठा सकते हैं।
अन्नपूर्णा रसोई योजना क्या है?
अन्नपूर्णा रसोई योजना एक सरकारी पहल है जिसके तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को बहुत कम कीमत पर भोजन दिया जाता है। इस योजना का लक्ष्य है कि कोई भी व्यक्ति भूख से न सोए। सरकार ने इस योजना के लिए ₹22.50 प्रति थाली की कीमत तय की है, जिसमें 50% खर्च नगर विकास विभाग वहन करेगा। यह योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं या जिनके पास खाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते।
किन शहरों में शुरू होगी यह योजना?
यह योजना यूपी के उन सभी 17 शहरों में शुरू की जाएगी, जहां नगर निगम मौजूद हैं। इन शहरों में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, फिरोजाबाद, गोरखपुर, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, शाहजहांपुर, मथुरा और अयोध्या शामिल हैं। इन शहरों में रोजाना बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में आते हैं, और यह योजना उन्हें किफायती भोजन प्रदान करेगी।
थाली में क्या मिलेगा?
अन्नपूर्णा रसोई की थाली में संतुलित और पौष्टिक भोजन शामिल होगा। इसमें रोटी, दाल, चावल और सब्जी जैसे मुख्य व्यंजन होंगे। सरकार का उद्देश्य केवल भोजन देना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि भोजन पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक हो। इस पहल से न केवल लोगों का पेट भरेगा, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
सरकार का लक्ष्य और फंडिंग
नगर विकास विभाग ने इस योजना के तहत हर साल 2.30 करोड़ लोगों को भोजन खिलाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए, हर अन्नपूर्णा रसोई केंद्र में प्रतिदिन 1000 थालियां परोसने की तैयारी है। सरकार इस योजना की लागत का 50% हिस्सा नगर निगमों को देगी, जिससे इस योजना को सुचारू रूप से चलाया जा सके। यह फंडिंग सुनिश्चित करेगी कि योजना बिना किसी बाधा के लंबे समय तक जारी रहे।
अन्नपूर्णा रसोई योजना भूखमरी और कुपोषण को कम करने में मदद करेगी। इससे दिहाड़ी मजदूरों, बेघर लोगों और गरीब परिवारों को राहत मिलेगी। इस तरह की पहल से समाज में समानता और भाईचारे की भावना भी बढ़ेगी। यह योजना यूपी सरकार की गरीब-समर्थक नीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भविष्य में, सरकार इस योजना को और भी शहरों में विस्तारित कर सकती है, जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
सोर्स: हरिभूमि लखनऊ ब्यूरो
