Delhi Red Fort car blast: डॉक्टरी छोड़ आतंकवाद की राह पर चली डॉ. शाहीन सईद की 'टेरर कुंडली'

जांच एजेंसियां शाहीन के पूरे नेटवर्क और आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका का पता लगा रही हैं।
लखनऊ : दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट की जांच के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने जब जैश-ए-मोहम्मद के बड़े 'व्हाइट-कॉलर' मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, तो इसका सबसे बड़ा नाम डॉ. शाहीन सईद निकला।
पेशे से डॉक्टर और कानपुर मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रवक्ता, शाहीन को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया, जहां से भारी मात्रा में RDX और अन्य विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी। डॉक्टरी का करियर, नेत्र सर्जन पति से तलाक और फिर आतंक की दुनिया में कदम रखने वाली इस महिला की पूरी कहानी किसी थ्रिलर से कम नहीं है।
डॉ. शाहीन: बचपन, शिक्षा और डॉक्टर बनने का सपना
डॉ. शाहीन सईद का जन्म 1979 में लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र के एक शिक्षित परिवार में हुआ था। उनके पिता सैयद अहमद अंसारी ने बताया कि शाहीन बचपन से ही पढ़ाई में बेहद तेज थीं और उन्होंने अपनी मां की बीमारी से प्रेरित होकर डॉक्टर बनने का फैसला किया था।
उसकी इंटरमीडिएट की पढ़ाई लखनऊ के प्रतिष्ठित लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से हुई इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से जनवरी 2003 में एमबीबीएस (MBBS) और दिसंबर 2005 में एमडी (MD) की डिग्री पूरी की।
कानपुर से करियर की शुरुआत और अचानक नौकरी छोड़ना
चिकित्सा की पढ़ाई पूरी करने के बाद, शाहीन का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से हुआ। अगस्त 2006 में उन्होंने कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी (GSVM) मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के पद पर कार्यभार संभाला।
उसने लगभग सात साल तक यहा नौकरी की, लेकिन अचानक वर्ष 2013 में बिना किसी सूचना के नौकरी छोड़कर गायब हो गईं। लंबे समय तक जवाब न देने पर, शासन ने वर्ष 2021 में उसको नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।
नेत्र सर्जन पति से तलाक और फरीदाबाद में नई जिंदगी
शाहीन का विवाह नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हयात जफर से हुआ था, जो पीएमएस (PMS) में डॉक्टर थे। हालाँकि, उसका वैवाहिक जीवन अधिक समय तक नहीं चला और वर्ष 2015 में दोनों ने तलाक ले लिया। तलाक के बाद, वह फरीदाबाद चली गईं और वहा हरियाणा स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ीं।
इसी दौरान उसकी नजदीकियां कश्मीरी डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई से बढ़ीं, जो इस आतंकी मॉड्यूल का मुख्य संदिग्ध है। शाहीन के पिता ने बताया कि इस दौरान वह कुछ घरेलू मुद्दों के कारण परेशान थीं।
आतंकी संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' के महिला विंग की कमान
जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉक्टर शाहीन सईद ने अपने डॉक्टर के पेशे की आड़ में एक गुप्त मिशन पर काम करना शुरू कर दिया था। सूत्रों का दावा है कि उसे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के महिला भर्ती और ऑपरेशन विंग, जिसे 'जमात-उल-मोमिनात' या 'जमात-उल-मोमिनीन' कहा जाता है, की भारत में कमान सौंपने का काम दिया गया था।
शाहीन का कथित उद्देश्य भारत की शिक्षित और सफेदपोश महिलाओं को आतंक के इस 'व्हाइट-कॉलर' नेटवर्क से जोड़ना था।
दिल्ली ब्लास्ट से ठीक पहले हुई बड़ी गिरफ्तारी
डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद हुई, जो दिल्ली के लाल किला के पास सोमवार शाम को हुए कार ब्लास्ट से जुड़ा था। यह ब्लास्ट तब हुआ जब पुलिस ने इस मॉड्यूल के कई सदस्यों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया था।
अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा के फरीदाबाद से शाहीन को गिरफ्तार किया गया। सुरक्षा एजेंसियों ने इस ऑपरेशन में 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री जब्त की थी।
कार से मिली AK-47 राइफल और भाई भी जांच के घेरे में
गिरफ्तारी के बाद जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस ने उस कार से एक AK-47 असॉल्ट राइफल और लाइव कारतूस बरामद किए, जो शाहीन के नाम पर पंजीकृत थी और कथित तौर पर डॉ. मुजम्मिल द्वारा हथियारों के परिवहन के लिए इस्तेमाल की जा रही थी।
इस मामले के तार शाहीन के छोटे भाई डॉ. परवेज सईद अंसारी तक भी पहुँचे, जो लखनऊ में एक निजी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। उत्तर प्रदेश एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ में उसके घर पर छापेमारी कर डिजिटल डिवाइस और सहारनपुर रजिस्ट्रेशन वाली एक कार जब्त की।
पिता ने किया दावा: 'मुझे यकीन नहीं होता, मेरी बेटी आतंकी'
डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी पर उसके पिता सैयद अहमद अंसारी ने आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें अपनी बेटी की इन गतिविधियों में शामिल होने पर बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा है, क्योंकि शाहीन शुरू से ही सरल स्वभाव की और समाज सेवा की भावना रखने वाली थीं।
उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने डेढ़ साल से उनसे ठीक से बात नहीं की थी और पिछली बार उसने घरेलू समस्याओं के कारण परेशान होने की बात कही थी। हालांकि, जांच एजेंसियां अब शाहीन के पूरे नेटवर्क और आतंकी गतिविधियों में उनकी विस्तृत भूमिका का पता लगा रही हैं।
