पराली जलाने पर सरकार की बड़ी मुहिम: सैटेलाइट से निगरानी, किसानों को मिलेगा वैकल्पिक समाधान

Digital crop survey
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डिजिटल क्रॉप सर्वे को 10 अक्टूबर और उसका सत्यापन 15 अक्टूबर तक पूरा करने का कड़ा आदेश जारी हुआ है।

जिलाधिकारियों को उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है, साथ ही किसानों को वैकल्पिक प्रबंधन उपायों के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली जलाने की गंभीर समस्या से निपटने के लिए कमर कस ली है और इस पर सख्ती बढ़ाने का फैसला किया है। पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने और किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, जबकि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

पराली जलाने की रोकथाम के लिए सख्ती

मुख्य सचिव एसपी गोयल ने बुधवार को स्पष्ट किया कि खेतों में पराली और फसल के अवशेष जलाना न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि यह एक दंडनीय अपराध भी है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं की सैटेलाइट के माध्यम से लगातार निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारियों को सीधे तौर पर इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देने और संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया गया है।

मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके अधिकार क्षेत्र में पराली जलाने की कोई घटना न हो। इसके साथ ही, उन संवेदनशील जिलों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं जहाँ ऐसी घटनाएँ होने की संभावना अधिक है।

किसानों के लिए जागरूकता और वैकल्पिक उपाय

सरकार का ध्यान केवल सख्ती पर ही नहीं, बल्कि किसानों को जागरूक करने और उन्हें वैकल्पिक समाधान उपलब्ध कराने पर भी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसानों को पराली को जलाने की बजाय उसके प्रबंधन के लिए उपलब्ध वैकल्पिक उपायों के बारे में शिक्षित करें।

इन उपायों में पराली को खाद बनाने में इस्तेमाल करना, या उसे खेत की मिट्टी में मिला देना शामिल हो सकता है। सरकार चाहती है कि किसान स्वैच्छिक रूप से प्रदूषणकारी प्रथाओं को छोड़कर टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाएँ, जिससे प्रदूषण को स्थायी रूप से कम किया जा सके।

डिजिटल क्रॉप सर्वे को पूरा करने पर जोर

बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने डिजिटल क्रॉप सर्वे की प्रगति पर भी समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस कार्य की दैनिक समीक्षा करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट समय सीमा तय करते हुए कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य 10 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, सर्वे के सत्यापन का कार्य भी समांतर रूप से शुरू किया जाए और उसे 15 अक्टूबर तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि कुल 90,153 ग्रामों में से लगभग 87,203 ग्रामों (96.73%) में सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 20,257 ग्रामों (22.47%) में सर्वे पूर्ण हो चुका है। इस कार्य को समय पर पूरा करना सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी डेटा के लिए अत्यंत आवश्यक है।

यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेले का आयोजन

मुख्य सचिव ने आगामी यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेला के सफल आयोजन पर भी बात की। उन्होंने घोषणा की कि यह मेला सभी जिलों में गुरुवार से 18 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जबकि कुछ जिलों में इसका आयोजन 10 से 19 अक्टूबर तक होगा। यह मेला राज्य के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय व्यापार को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मेले के उद्घाटन समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जाए, जिससे इस आयोजन को उचित महत्व और समर्थन मिल सके। यह आयोजन किसानों और स्थानीय कारीगरों को भी अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका देगा।

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