जेब पर भारी पड़ेगी गंदगी: वाराणसी में 33 तरह के उल्लंघनों पर तय हुआ भारी जुर्माना, देखिए सूची

अवैध रूप से प्लास्टिक का उपयोग करने वालों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।
वाराणसी : उत्तर प्रदेश की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी अपनी स्वच्छता रैंकिंग में सुधार लाने के लिए एक बड़ा और कठोर कदम उठाया है। नगर निगम ने शहर में नई और सख्त 'स्वच्छता नियमावली' लागू कर दी है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वालों पर तत्काल भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। यह नई नियमावली शहर को साफ-सुथरा बनाने के एक बड़े मिशन का हिस्सा है, और काशी को आदर्श स्वच्छ शहर के रूप में स्थापित करना है।
इस नई नियमावली का क्रियान्वयन तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया गया है। निगम का मानना है कि केवल जागरूकता से काम नहीं चलेगा, अब जुर्माने का डर लोगों को अपनी आदतों में सुधार लाने और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगा। यह पहल उन छोटी-छोटी हरकतों पर लगाम लगाएगी जो अक्सर शहर की खूबसूरती को प्रभावित करती हैं, जैसे कि कहीं भी थूकना या खुले में कचरा फेंकना।
थूकना हुआ महंगा, खुले में पेशाब पर भी बड़ी चपत
नई नियमावली में सबसे कड़ा प्रावधान सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर किया गया है। यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक सड़क, दीवार, गली या किसी भी स्थल पर थूकते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे तत्काल 250 का जुर्माना भरना होगा। यह नियम खासकर पान और गुटखा खाने वालों को सख्त चेतावनी देता है, जिनके कारण शहर की ऐतिहासिक इमारतें और दीवारें बदरंग हो जाती हैं।
इससे भी बड़ा जुर्माना खुले में शौच या पेशाब करने वालों पर लगाया गया है। इस स्वच्छता उल्लंघन के लिए पकड़े जाने पर 500 तक का भारी-भरकम चालान वसूला जाएगा। नगर निगम का स्पष्ट कहना है कि शहर में पर्याप्त संख्या में सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था की गई है, और लोगों को उनका उपयोग करना चाहिए।
कचरा और प्लास्टिक के नियम तोड़ने पर जेब होगी ढीली
इस नई नियमावली में सिर्फ व्यक्तिगत गंदगी ही नहीं, बल्कि कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक के अवैध उपयोग पर भी सख्ती बरती गई है। यदि कोई नागरिक या दुकान मालिक खुले में कूड़ा-कचरा फेंकता है और कूड़े को उचित डस्टबिन में नहीं डालता है, तो उसे 500 का चालान थमाया जाएगा। इस श्रेणी में सड़कों पर घरेलू कचरा डालना या व्यावसायिक कचरे को सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ देना शामिल है।
अवैध रूप से प्लास्टिक का उपयोग करने वाले व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर अब बड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि उल्लंघन की प्रकृति और मात्रा के आधार पर तय की जाएगी, जिससे प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से रोका जा सके।
वाराणसी स्वच्छता नियमावली:-
मैदान/उद्यान में गंदगी: किसी खाली जमीन, खेल के मैदान या सार्वजनिक उद्यान में पहली बार गंदगी करने पर 500 का जुर्माना लगेगा।
जल स्रोतों में पूजा सामग्री/गंदगी: नदी, जलमार्ग, सीवर के किनारे या अंदर पूजा सामग्री, शव या कोई गंदगी फेंकने/प्रवाहित करने पर 750 का जुर्माना।
सार्वजनिक रास्तों पर गंदगी: सड़क, फुटपाथ, या सड़क डिवाइडर के पास गंदगी फैलाने पर 500 का जुर्माना।
संवेदनशील स्थानों पर गंदगी: स्कूल, अस्पताल, धार्मिक स्थल या विरासत वाली इमारतों के पास गंदगी करने पर 750 का जुर्माना।
जान-बूझकर गंदगी जमा करना: अपनी परिसर/संपत्ति में जान-बूझकर कचरा, मलबा या गंदगी जमा करने पर 500 का जुर्माना।
वाहन से कूड़ा/थूकना: वाहन चलाते समय या खड़े वाहन से सड़क पर कूड़ा फेंकने या थूकने पर 1000 का जुर्माना।
प्रतिबंधित प्लास्टिक का उत्पादन/बिक्री: प्लास्टिक या थर्माकोल जैसी प्रतिबंधित सामग्री के उत्पादन, वितरण, भंडारण या बिक्री में लिप्त होने पर 2000 का जुर्माना।
प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग: स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रतिबंधित प्लास्टिक या थर्माकोल सामग्री का उपयोग करने पर 2000 का जुर्माना।
थूकना/पेशाब/खाद्य बिखराव: थूकने, पेशाब करने, मल त्यागने, या जानवरों को खिलाने के उद्देश्य से खाद्य सामग्री छोड़कर कूड़े का बिखराव करने पर 250 का जुर्माना।
गंदगी को दफनाना या जलाना: अपशिष्ट या गंदगी को जमीन में दफन करने या जलाने पर 250 का जुर्माना।
बिना ढके अपशिष्ट परिवहन: अपशिष्ट या कूड़े को बिना ढके ले जाने पर 2000 का जुर्माना।
सार्वजनिक स्थान पर पालतू पशु का मलत्याग: पालतू जानवरों को सार्वजनिक स्थान पर मलत्याग कराने और उसे न हटाने पर 500 का जुर्माना।
पालतू जानवर का मल सीवर में बहाना: किसी पालतू जानवर का मल सीवर में बहाने पर 500 का जुर्माना।
निर्माण/विध्वंस मलबा फेंकना: निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट (C&D वेस्ट) या किसी प्रकार के मलबे को फेंकने पर 3000 का जुर्माना।
अपशिष्ट फैलाना (मासिक): कचरा/अपशिष्ट फैलाने पर प्रति माह 200 का जुर्माना।
C&D वेस्ट नियम उल्लंघन: निर्माण एवं विध्वंसक ठोस अपशिष्ट उत्सर्जकों के नियमों का उल्लंघन करने पर 2000 का जुर्माना।
उद्यान अपशिष्ट फेंकना: उद्यान अपशिष्ट, पेड़ों की छाल या कतरनों को फेंकने पर 200 का जुर्माना।
मांस/मत्स्य अपशिष्ट फेंकना : मछली, कुक्कुट (मुर्गी पालन) और मांस अपशिष्ट को फेंकने पर प्रति माह 750 का जुर्माना।
थोक अपशिष्ट का अनुचित भंडारण: किसी बड़े अपशिष्ट उत्सर्जक की ओर से कूड़े का अनुचित भंडारण करने पर प्रति सप्ताह 1000 का जुर्माना।
बिना रजिस्ट्रीकरण अपशिष्ट संग्रहण: नगरीय निकाय में बिना पंजीकरण के अपशिष्ट संग्रहण करने पर प्रति अपराध 500 का जुर्माना।
जल स्रोतों को नालों/मल नालियों से गंदा करना: नालों, मल नालियों या सोक पिट से जल स्रोतों को गंदा करने पर 500 का जुर्माना।
नाली तोड़ने वाली सामग्री डालना: किसी ऐसी सामग्री को नाली में डालना जिससे नाली के टूटने का खतरा हो, उस पर 500 का जुर्माना।
नाला/सीवर लाइन जाम करना: नाला, मैनहोल या सीवर लाइन जाम करने पर 1000 का जुर्माना।
औद्योगिक बहिस्राव: औद्योगिक कचरा या दूषित जल नियमों का उल्लंघन करने पर 5000 का जुर्माना।
सुरक्षा के बिना मैनहोल/सेप्टिक टैंक कार्य: बगैर सुरक्षा उपकरण के मैनहोल व सेप्टिक टैंक की सफाई का काम कराने पर 5000 का जुर्माना।
जलभराव से विषाणु: कहीं पर जलभराव एकत्र होने देना जिससे विषाणु (मच्छर आदि) पैदा हों, उस पर 5000 का जुर्माना।
बाजार में जैव नाशक सामान: बाजार में जैव नाशक (non-biodegradable) सामान फेंकने पर प्रतिदिन ₹l25 का जुर्माना।सा
मूहिक आयोजन के बाद गंदगी: सामूहिक आयोजन (जैसे भंडारा, लंगर) के 12 घंटे बीतने के बाद भी गंदगी पाए जाने पर स्वच्छता के लिए जमा धनराशि जब्त होगी।
नगर निगम सीमा के बाहर से कूड़ा फेंकना: नगरीय स्थानीय निकाय की सीमा से बाहर निवास करने वाले लोगों द्वारा निगम सीमा में कूड़ा फेंकने पर प्रतिदिन 1000 का जुर्माना।
सीमांत गाँव से कूड़ा फेंकना: नगरीय सीमा के सीमांत गाँव की ओर से कूड़ा फेंकने पर प्रतिदिन 1000 का जुर्माना।
उपकरणों को नुकसान: कूड़ा उठाने वाले उपकरण और गाड़ियों को क्षतिग्रस्त करने या हटाने पर 2000 का जुर्माना।
जलस्रोतों में शव निस्तारण: जलस्रोतों में मानव शव या पशुओं के शवों का निस्तारण करने पर 3000 का जुर्माना।
भंडारा/लंगर के बाद सफाई न कराना: भंडारा या लंगर के बाद परिसर की सफाई न कराने पर 2000 का जुर्माना।
