दिल्ली ब्लास्ट: आतंकी शाहीन के लखनऊ कनेक्शन की जांच तेज़; दो महीने पहले हुई थी संदिग्धों से मुलाकात!

आतंकी शाहीन के लखनऊ कनेक्शन की जांच तेज़; दो महीने पहले हुई थी संदिग्धों से मुलाकात!
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आतंकी शाहीन ब्रेनवॉश किए गए लोगों को जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग 'जमात-उल मोमिनीन' में जोड़ती थी।

जांच में पता चला है कि शाहीन दो महीने पहले लखनऊ आई थी और संदिग्धों से मिली थी। वह 'हमदर्द' बनकर युवाओं का ब्रेनवॉश करती थी।

लखनऊ : डॉ. शाहीन सिद्दकी के टेरर नेटवर्क के खुलासे की शुरुआत श्रीनगर में हुई एक शादी से हुई थी। दरअसल, वहा डॉ. आदिल की शादी के समारोह में उनके कई डॉक्टर मित्र जमा हुए थे। विवाह समारोह के अगले ही दिन, भारतीय सैनिकों को निशाना बनाकर धमकी भरे पोस्टर लगाए गए, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां तुरंत चौकन्नी हो गईं।

गहन छानबीन में डॉ. आदिल की संलिप्तता के प्रमाण मिले, और इसी जांच की कड़ियां जोड़ते हुए फरीदाबाद से डॉ. शाहीन सिद्दकी और डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए, जिससे उनके सीधे आतंकी नेटवर्क में शामिल होने की पुष्टि हुई।

दो महीने पहले लखनऊ आई थी शाहीन, संलिप्तता की कड़ियां तलाशी जा रही

जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट से लगभग दो महीने पहले डॉ. शाहीन सिद्दकी लखनऊ आई थी और यहां उसने कई संदिग्ध लोगों से मुलाकात की थी।

शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज की गिरफ्तारी के बाद, परवेज के राजधानी स्थित दोनों आवासों को खंगाला गया है। अब जांच एजेंसियां परवेज के घर से बरामद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के ज़रिए उसकी संलिप्तता का पता लगा रही हैं। इन गैजेट्स से यह भी पता लगाया जाएगा कि परवेज बीते कुछ महीनों के दौरान कहाँ-कहाँ गया था और किन लोगों के संपर्क में था, ताकि शाहीन के लखनऊ नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने आ सके।

इमोशनल बनकर युवाओं और मरीजों का करती थी ब्रेनवॉश

शाहीन सिद्दकी युवाओं और आम लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए एक शातिर तरीका अपनाती थी। वह खुद को पीड़ितों और असंतुष्टों के लिए 'हमदर्द' के रूप में पेश करती थी। वह समाज से असंतुष्ट या कमजोर मानसिकता वाले युवाओं और यहा तक कि अपने मरीजों का भी ब्रेनवॉश करती थी।

उसका मुख्य उद्देश्य इन ब्रेनवॉश किए गए लोगों को जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग 'जमात-उल मोमिनीन' के लिए तैयार करना था।

स्कूली शिक्षा की जांच के लिए खंगाले जा रहे पुराने रिकॉर्ड

गिरफ्तार डॉ. शाहीन के मोहल्ले में यह चर्चा है कि उसने लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। इस चर्चा के बाद, कॉलेज परिसर में पूरे दिन शाहीन ही चर्चा का विषय बनी रही। यह पुष्टि करने के लिए कि शाहीन वास्तव में इसी स्कूल की छात्रा थी या नहीं, विद्यालय में 1995 से 1997 के बीच के पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। खंदारी बाजार मोहल्ले के लोगों का अनुमान है कि घर से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर स्थित होने के कारण शाहीन ने यहीं से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ली होगी।

हालांकि, कॉलेज की प्रधानाचार्य एन. श्रीवास्तव ने बताया है कि पुराने रिकॉर्ड की जांच चल रही है, और फिलहाल कोई साक्ष्य नहीं मिला है जो इसकी पुष्टि कर सके।

भाई डॉ. परवेज से होगा आमना-सामना, जब्त कार की फोरेंसिक जांच

आतंकी कनेक्शन मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन सिद्दकी और उसके भाई डॉ. परवेज से अभी अलग-अलग पूछताछ की गई है, लेकिन अब दोनों को आमने-सामने बिठाकर संयुक्त पूछताछ की जाएगी। इसी मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल से भी परवेज के कनेक्शन की जानकारी ली जाएगी। वहीं, यूपी एटीएस ने परवेज के घर के बाहर से जब्त की गई कार को मड़ियांव थाने में दाखिल किया है, जिसकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।

जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कार का इस्तेमाल किसी संदिग्ध गतिविधि या केमिकल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए तो नहीं किया गया था।

परिवार और पड़ोसियों ने साधी चुप्पी

मामले की गंभीरता को देखते हुए शाहीन के पिता सईद अंसारी के खंदारी बाजार स्थित घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थानीय पुलिस को इस मामले की छानबीन से अलग रखा गया है। शाहीन और परवेज की गिरफ्तारी के बाद उसके छोटे भाई शोएब से भी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ की, जिन्होंने दोनों के संपर्कों, बातचीत और उनके लखनऊ न आने की अवधि के बारे में जानकारी दी।

परवेज के पड़ोसियों ने भी बताया कि वह कई साल पहले मोहल्ले में क्रिकेट खेलता था, लेकिन बाद में उसका आना-जाना कम हो गया था और उसने लोगों से संपर्क करना भी बंद कर दिया था।

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