बदल जाएगा शादी के खर्चों का गुणा-गणित!: दूल्हे का घोड़ी पर चढ़ना भी हुआ सस्ता, पढ़े पूरी खबर

Relief from inflation in marriage
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शादी के खर्चों में बड़ी राहत! घोड़ी, होटल, ब्राइडल मेकअप, और खानपान पर घटा GST। जानें कैसे बचेंगे लाखों इस शादी सीजन में।

लखनऊ: इस बार शादी के सीजन में सरकार ने आम जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण चीज़ो और सेवाओं पर टैक्स की दरें कम करने का फैसला किया गया है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा, खासकर शादी-ब्याह जैसे बड़े आयोजनों में, जहां अब लाखों की बचत संभव होगी। इस महीने 22 स‍ितंबर से तमाम वस्‍तुएं सस्‍ती होंगी जि‍सका फायदा सीधे आम जनता को म‍िलेगा।

घोड़ी पर चढ़ना भी हुआ सस्ता

यह खबर उन लोगों के लिए खास है जो शादी की तैयारियों में जुटे हैं। जीएसटी की दरों में बदलाव का एक सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि अब शादी में घोड़ी पर चढ़ना भी सस्ता हो गया है। सरकार ने जीवित घोड़ों पर जीएसटी की दर को 12% से घटाकर मात्र 5% कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि बारात के लिए घोड़ी बुक कराने का खर्च अब काफी कम हो जाएगा। घोड़ी की सवारी की बुकिंग पर दी गई।

होटल और ब्यूटी आइटम में भी बड़ी राहत

शादी के खर्चों में सबसे बड़ा हिस्सा होटल बुकिंग और ब्राइडल मेकअप का होता है। जीएसटी काउंसिल ने इन दोनों ही क्षेत्रों में बड़ी राहत दी है। होटल, जिनके कमरे का किराया ₹1,001 से ₹7,500 प्रति दिन था, उन पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। यह कदम शादी समारोहों के लिए बैंक्वेट हॉल, कमरे और अन्य सेवाओं को बुक करने वालों के लिए एक बड़ी बचत होगी ।

वहीं, सौंदर्य और वेलनेस सेवाओं जैसे सैलून, पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इस फैसले से ब्राइडल मेकअप और अन्य सौंदर्य सेवाओं की लागत में भी काफी कमी आएगी, जिससे दुल्हन और उसके परिवार को काफी आर्थिक फायदा होगा।

खाद्य सामग्री और सांस्कृतिक आयोजनों पर भी छूट

शादी का आयोजन बिना खाने-पीने और संगीत के अधूरा है। जीएसटी में राहत का असर इन पर भी पड़ा है। आटा, दाल, चावल जैसी रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दी गई है। यह कैटरिंग और खाने-पीने के खर्चों पर एक बड़ी बचत प्रदान करेगा।

इसके अलावा, शादी में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी जीएसटी में छूट का फायदा मिलेगा। संगीत वाद्ययंत्रों जैसे तबला, मृदंगम, वीणा, सितार, बांसुरी, शहनाई, ढोलक आदि पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। यह बैंड और शहनाई वालों की बुकिंग को भी सस्ता करेगा, जिससे शादी का माहौल और भी खुशनुमा हो जाएगा।

वाहनों पर भी लाखों की बचत

जीएसटी में कटौती का असर सिर्फ शादी से जुड़ी सेवाओं पर ही नहीं, बल्कि वाहनों पर भी पड़ा है। त्योहारी सीजन में बाइक ₹10,000 और कारें ₹1 लाख से भी अधिक सस्ती हो गई हैं। यह वर और वधू दोनों ही पक्षों के लिए एक बड़ा फायदा है। अक्सर शादी के मौके पर नए वाहन खरीदने का चलन होता है, और यह जीएसटी राहत इस खरीद को और भी किफायती बना देगी।

शादी के खर्चे का बदला हुआ गुणा गणित

इस जीएसटी राहत ने शादी के बजट का पूरा गणित बदल दिया है। पहले जहां हर छोटी-बड़ी चीज पर अधिक टैक्स देना पड़ता था, अब कई क्षेत्रों में बड़ी छूट मिल गई है। एक औसत भारतीय शादी में जहां लाखों का खर्च आता है, वहां इन नई दरों से घराती और बराती दोनों को लाखों की बचत होगी। अब आप अपने शादी के खर्चों की योजना बनाते समय इन नई जीएसटी दरों को ध्यान में रखकर अपने बजट को और भी बेहतर बना सकते हैं।

रिपोर्ट: लखनऊ ब्यूरो

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