लखनऊ में ठंड का 'प्रचंड' प्रहार: बादलों की ओट में छिपा सूरज, जहरीली हुई हवा! जानिए कैसा रहेगा 2026 का आगाज

बादलों की ओट में छिपा सूरज, जहरीली हुई हवा! जानिए कैसा रहेगा 2026 का आगाज
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डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इस मौसम में लोग सुबह की सैर से बचें, खासकर जब हवा जहरीली हो।

लखनऊ में अरब सागर की नम हवाओं और पछुआ के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। घने बादलों और कोहरे के चलते 'कोल्ड डे' का अलर्ट जारी है।

लखनऊ : नवाबों के शहर लखनऊ में सर्दी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। अरब सागर से आ रही नम हवाओं और पछुआ के मेल ने राजधानी को बादलों की चादर से ढक दिया है।

आलम यह है कि दिन में भी कड़ाके की ठंड और गलन महसूस की जा रही है। एक तरफ जहां कोहरे के कारण दृश्यता शून्य की ओर बढ़ रही है, वहीं शहर के हृदय स्थल लालबाग की हवा में जहर घुल गया है, जिससे लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है।

मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी का अलर्ट जारी किया है।

अरब सागर की नमी और पछुआ हवाओं का डबल अटैक

लखनऊ में अचानक छाए बादलों और बढ़ी हुई गलन का मुख्य कारण अरब सागर से आने वाली नम हवाएं हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बने एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण उत्तर भारत में नमी बढ़ी है।

जब यह नमी हिमालय की तरफ से आ रही बर्फीली पछुआ हवाओं से टकराती है, तो बादल और घने कोहरे का निर्माण होता है। यही कारण है कि लखनऊ में सूरज के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं और कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

लालबाग में 'स्मॉग' का संकट - जहरीली हवा ने बढ़ाई मुसीबत

ठंड के साथ-साथ राजधानी की हवा भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। लालबाग जैसे घनी आबादी और ट्रैफिक वाले इलाकों में वायु गुणवत्ता 300 के पार 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है। हवा की गति कम होने के कारण धूल और धुएं के कण जमीन की सतह के करीब फंस गए हैं, जिससे स्मॉग की स्थिति बन गई है। यह स्थिति सांस के मरीजों और बुजुर्गों के लिए बेहद चिंताजनक है।

कब तक रहेगा बादलों का डेरा और कोहरे का सितम

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, लखनऊ और आसपास के इलाकों में अगले 48 से 72 घंटों तक आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। हालांकि, 29 और 30 दिसंबर के बाद बादल छंटने की संभावना है, लेकिन इसके तुरंत बाद 'कोल्ड डे' की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

सुबह और रात के समय घने से बहुत घना कोहरा छाया रहेगा, जिससे सड़क और रेल यातायात पर व्यापक असर पड़ने की आशंका है।

कैसा रहेगा साल 2026 का आगाज - नए साल का मौसम पूर्वानुमान

अगर आप नए साल के जश्न की योजना बना रहे हैं, तो गर्म कपड़ों का पूरा इंतजाम रखें। पूर्वानुमानों के मुताबिक, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को आसमान साफ रह सकता है, लेकिन न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी।

नए साल की शुरुआत ठिठुरन भरी रातों और शीतलहर के साथ होने की संभावना है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर लखनऊ के तापमान को 7 से 8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे ला सकता है।

प्रशासन की तैयारी और आम जनमानस को सलाह

बढ़ती ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने रैन बसेरों को अलर्ट कर दिया है और जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इस मौसम में लोग सुबह की सैर से बचें, खासकर जब हवा जहरीली हो।

बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें और शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। कोहरे के दौरान वाहन चलाते समय हेडलाइट और फॉग लाइट का उपयोग अनिवार्य रूप से करें ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

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