विश्व दिव्यांग दिवस: उपेक्षा से बचने के लिए सामाजिक सहयोग आवश्यक; 18 मंडलों में खुलेंगे पुनर्वास केंद्र - सीएम योगी

सीएम योगी ने दिव्यांगजनों को दिए जाने वाले मासिक अनुदान में हुई वृद्धि की भी बात की।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगजनों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा में किसी से कम नहीं हैं, लेकिन परिवार और समाज का संबल न मिलने के कारण वे अक्सर उपेक्षा का शिकार हो जाते हैं।
सीएम योगी ने दिव्यांगों के सशक्तिकरण को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं, जिसमें उनकी मासिक पेंशन में वृद्धि और सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर विशेष पुनर्वास केंद्र स्थापित करने का निर्णय शामिल है।
संबल न मिलने पर उपेक्षित हो जाते हैं दिव्यांग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगता केवल एक शारीरिक चुनौती है, न कि कोई अभिशाप। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवार और समाज की जिम्मेदारी है कि वे इन लोगों को सहयोग और समान अवसर दें।
अगर उन्हें सामाजिक सहारा नहीं मिलता, तो उनकी प्रतिभाएं पीछे छूट जाती हैं और वे जीवन में उपेक्षित महसूस करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को किसी की दया की नहीं, बल्कि सम्मान और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि वे राष्ट्र निर्माण में अपना पूरा योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के प्रति इस सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए लगातार काम कर रही है।
पुनर्वास केंद्रों की स्थापना और पेंशन में वृद्धि
दिव्यांगजनों के लिए सरकारी योजनाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से, सीएम योगी ने एक बड़ी पहल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर 2025 को कैबिनेट ने राज्य के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इन केंद्रों के माध्यम से दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं, कृत्रिम अंगों, और आवश्यक उपकरणों का लाभ आसानी से मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को दिए जाने वाले मासिक अनुदान में हुई वृद्धि का भी उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि पहले उन्हें 300 मासिक पेंशन मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 1000 मासिक कर दिया गया है।
प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए अवसर की महत्ता
सीएम योगी ने अपने वक्तव्य में इतिहास और समसामयिक उपलब्धियों के उदाहरण दिए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अवसर मिलने पर दिव्यांगजन कितना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने ऋषि अष्टावक्र, सूरदास, स्टीफन हॉकिंग जैसे महान व्यक्तित्वों का जिक्र किया।
हाल के उदाहरण में, उन्होंने चीन में हुए पैरा एशियाई खेलों में भारतीय पैरा एथलीट्स द्वारा जीते गए 111 मेडलों की ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों से साबित होता है कि अगर इन्हें सही मार्गदर्शन और मंच मिले, तो वे सामान्य लोगों से भी बेहतर परिणाम दे सकते हैं।
मोटराइज्ड ट्राई साइकिल और अन्य सहायता योजनाएं
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार लगातार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण लगातार वितरित कर रही है। इसके अलावा, दिव्यांगजनों को आने-जाने में सुविधा हो, इसके लिए मोटराइज्ड ट्राई साइकिल का वितरण किया जा रहा है और उन्हें सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी प्रदान की गई है।
