अयोध्या: जन आस्था से बना राजा राम का दरबार- देखिये रामलला की निधि का बही-खाता!

जन आस्था से बना राजा राम का दरबार- देखिये रामलला की निधि का बही-खाता!
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यह अभियान केवल धन संग्रह का नहीं, बल्कि राष्ट्रव्यापी जनसंपर्क का महायज्ञ था।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 45 दिवसीय निधि समर्पण अभियान ने इतिहास रचा। इस ऐतिहासिक जनसहयोग से राम मंदिर निर्माण के लिए रिकॉर्ड 3,500 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाई गई।

अयोध्या : रामलला का भव्य मंदिर सिर्फ पत्थरों से नहीं, बल्कि जन-जन की आस्था और समर्पण से निर्मित हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, 45 दिवसीय 'निधि समर्पण अभियान' ने इतिहास रचते हुए मंदिर निर्माण के लिए रिकॉर्ड 3,500 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाई।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक चले इस अभियान में देश के 12.73 करोड़ परिवारों ने प्रत्यक्ष तौर पर योगदान देकर इसे 'भारत का मंदिर' बना दिया।

45 दिवसीय अभियान में जुटा रिकॉर्ड फंड

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आह्वान पर यह अभियान 15 जनवरी 2022 से 27 फरवरी 2022 तक चला, जिसकी अवधि कुल 45 दिवसीय थी। इस अवधि में कुल 3,500 करोड़ रुपये की धनराशि जमा की गई, जो किसी भी धार्मिक-सामाजिक परियोजना के लिए सर्वाधिक मानी जा रही है।

लोगों ने बच्चों की गुल्लकों से लेकर श्रमिकों की दिहाड़ी तक अपनी श्रद्धा अर्पित की। विशेष रूप से, डिजिटल माध्यमों के जरिए भी एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का दान प्राप्त हुआ।

देश के 12.73 करोड़ परिवारों तक पहुंचा अभियान

यह अभियान केवल धन संग्रह का नहीं, बल्कि राष्ट्रव्यापी जनसंपर्क का महायज्ञ था। कार्यकर्ताओं की टोलियों ने देश के 49 प्रांतों के 1167 जिलों में घर-घर संपर्क साधा। निधि समर्पण अभियान की पहुंच इतनी विशाल थी कि इसके दायरे में 5.37 लाख गांव आए, जहां 12.73 करोड़ से अधिक परिवारों से संपर्क किया गया। इस व्यापक विस्तार ने राम मंदिर को 'भारत का मंदिर' बना दिया।

लाखों कार्यकर्ताओं ने संभाला प्रबंधन

इस विराट अभियान को सफल बनाने के लिए लाखों स्वयंसेवकों ने निस्वार्थ भाव से सेवा दी। निधि समर्पण अभियान में कुल 18.34 लाख पुरुष और 1.87 लाख महिला कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

धन संग्रह और उसके प्रबंधन के लिए पूरे देश में एक लाख 25 हजार टोलियों का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त, संग्रहीत धनराशि को बैंकों में जमा कराने के लिए 38,185 कार्यकर्ताओं को लगाया गया, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रही।

कूपन और रसीदों से प्राप्त दान का विस्तृत लेखा-जोखा

अभियान के दौरान 10 रुपये, 100 रुपये और 1000 रुपये के कूपन का उपयोग किया गया था। इस दान का विस्तृत लेखा-जोखा बताता है कि दस रुपये के कूपन से 30.99 करोड़ रुपये, सौ रुपये के कूपन से 372.48 करोड़ रुपये और एक हजार रुपये के कूपन से 225.46 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित की गई। इन कूपनों के अलावा, रसीदों के जरिये 1625.04 करोड़ रुपये, प्राप्त हुई।


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