राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार डॉ. रामविलास वेदांती नहीं रहे: रीवा में निधन, अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार; CM योगी ने जताया दुख

रीवा में निधन, अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार; CM योगी ने जताया दुख
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वेदांती सेप्टिसीमिया (रक्त संक्रमण) और सेप्टिसिमिक शॉक की समस्या थी।

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती नहीं रहे। रीवा के अस्पताल में अंतिम सांस ली। CM योगी समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया।

लखनऊ : अयोध्या के राम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी संत और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का निधन हो गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।

67 वर्षीय डॉ. वेदांती राम मंदिर निर्माण के संघर्ष में एक प्रमुख चेहरा रहे थे और उन्होंने धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनके देहांत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।

रीवा में बिगड़ी तबीयत और निधन

डॉ. रामविलास वेदांती महाराज एक कथावाचक भी थे और धार्मिक आयोजनों के लिए देश भर में प्रवास करते थे। खबर के अनुसार, वह मध्य प्रदेश के रीवा में प्रवास पर थे, जहां रविवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तत्काल रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उन्हें सेप्टिसीमिया (रक्त संक्रमण) और सेप्टिसिमिक शॉक की समस्या थी। अथक उपचार के बावजूद, डॉक्टरों उन्हें बचा नहीं पाए और सोमवार को उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मध्य प्रदेश से अयोध्या लाया जा रहा है।

राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका और विवाद

डॉ. रामविलास वेदांती श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य थे और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन के प्रमुख सूत्रधारों में से एक थे। वह अपनी आक्रामक और स्पष्टवादी शैली के लिए जाने जाते थे।

वह उन संतों में शामिल थे जो बाबरी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए सीबीआई कोर्ट में आरोपी भी बनाए गए थे, हालांकि बाद में उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर हमेशा कहा था कि उन्होंने ढांचा गिराया क्योंकि वहा भव्य राम मंदिर का निर्माण होना था, और वह इसे कभी भी मस्जिद नहीं मानते थे।

राजनीतिक सफर और सांसद के रूप में योगदान

धार्मिक और सामाजिक कार्यों के साथ-साथ, डॉ. वेदांती ने सक्रिय राजनीति में भी अपनी महत्वपूर्ण पहचान बनाई थी। वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे और उत्तर प्रदेश की राजनीति में हिंदुत्व का एक मजबूत चेहरा माने जाते थे। उनका जन्म 7 अक्टूबर 1958 को रीवा, के गुढ़ तहसील के गुढ़वा गांव में हुआ था।

वह दो बार लोकसभा के सांसद चुने गए थे। उन्होंने वर्ष 1996 में मछलीशहर सीट से और फिर वर्ष 1998 में प्रतापगढ़ संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

मुख्यमंत्री योगी ने जताया गहरा शोक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. रामविलास वेदांती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इसे आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि डॉ. वेदांती जी का गोलोकगमन एक युग का अवसान है। उन्होंने ट्वीट किया, "श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. राम विलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन अत्यंत दुःखद है।



धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।" उन्होंने प्रभु श्री राम से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने की प्रार्थना की।


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