सूर्य उपासना का महापर्व: लखनऊ में 88 स्थानों पर होगी छठ पूजा, ज़ीरो वेस्ट' और 'प्लास्टिक मुक्त होंगे घाट!

लखनऊ में 88 स्थानों पर होगी छठ पूजा, ज़ीरो वेस्ट और प्लास्टिक मुक्त होंगे घाट!
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घाटों पर साफ़-सफ़ाई, प्रकाश व्यवस्था और सुंदरीकरण का कार्य तेज़ी से चल रहा है।

लखनऊ के घाटों, खासकर गोमती नदी के तट पर स्थित लक्ष्मण मेला घाट, पर छठ महापर्व को लेकर उत्साह है। श्रद्धालु पूजा के लिए वेदी सजाने का काम शुरू कर चुके हैं।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूर्य उपासना के महापर्व छठ को लेकर आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। गोमती नदी के तट पर स्थित घाटों पर, विशेष रूप से लक्ष्मण मेला घाट पर, छठ की रौनक अपने चरम पर है। दीपावली के बाद से ही श्रद्धालुओं ने घाटों पर पहुंचना शुरू कर दिया है और अपने हाथों से पूजा के लिए वेदी सजाने का कार्य शुरू कर दिया है। घाट के दोनों ओर रंगीन झालरें और दीपों की कतारें लगाई गई हैं, जिसने पूरे इलाके को उत्सवमय बना दिया है। हर परिवार भक्ति और उत्साह के साथ इस पवित्र त्योहार की तैयारियों में जुटा हुआ है।

प्रशासन ने भी व्रतियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सफाई व्यवस्था, लाइटिंग और सुरक्षा का जायजा लेने के लिए मेयर और अन्य अधिकारी लगातार घाटों का दौरा कर रहे हैं।

श्रद्धालुओं का उत्साह और वेदी निर्माण

छठ पूजा को लेकर पूर्वांचल के लोगों में खास उत्साह देखने को मिलता है, जो अब लखनऊ की मिश्रित संस्कृति का अभिन्न अंग बन चुका है। परिवार के सदस्य एकजुट होकर गोमती तट पर अपने लिए एक निश्चित स्थान चुन रहे हैं और मिट्टी की वेदियों का निर्माण कर रहे हैं। कई श्रद्धालु वेदियों की मरम्मत और रंग-रोगन कर उन्हें आकर्षक रूप दे रहे हैं। इस दौरान महिलाएं मिट्टी के वेदी, बांस की टोकरी और व्रत में उपयोग होने वाली पारंपरिक पूजा सामग्रियों की खरीदारी में व्यस्त हैं। बाज़ारों में फल, गन्ना, और अन्य मौसमी वस्तुओं की बिक्री तेज़ हो गई है, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। श्रद्धालु छठ मैया के गीत गुनगुनाते हुए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। यह महापर्व न केवल सूर्य की उपासना का प्रतीक है, बल्कि स्वच्छता, सामूहिक सहयोग और प्राकृतिक तत्वों के प्रति सम्मान का भी पर्व है, जिसे लखनऊ के हर कोने में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।

प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था और सजावट

छठ महापर्व को दिव्य और भव्य बनाने के लिए लखनऊ प्रशासन ने कमर कस ली है। नगर निगम, नगर पालिका और जिला प्रशासन के अधिकारी व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। मेयर सुषमा खर्कवाल और अन्य मंत्रियों ने स्वयं लक्ष्मण मेला घाट सहित प्रमुख घाटों का निरीक्षण किया है और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। घाटों पर साफ़-सफ़ाई, प्रकाश व्यवस्था और सुंदरीकरण का कार्य तेज़ी से चल रहा है।

इस बार, नगर निगम ने अपने सीमा क्षेत्र में लगभग 88 स्थानों पर छठ पूजा स्थलों पर सभी बुनियादी सुविधाए सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है। घाटों को रंग-बिरंगी लाइटिंग और फूलों से सजाया जा रहा है। प्रशासन का मुख्य ध्यान इस पर्व को 'ज़ीरो वेस्ट' और 'प्लास्टिक मुक्त' बनाने पर भी है, जिसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। घाटों को सीढ़ीनुमा बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, ताकि व्रतियों को अर्घ्य देने में कोई परेशानी न हो।

सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम और गोमती की स्वच्छता

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं। डीएम और डीजीपी के निर्देश पर सभी घाटों पर पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है। गहरे पानी में प्रवेश को रोकने के लिए नदी में बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जल पुलिस और गोताखोरों की टीमें भी तैनात की गई हैं।

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सादे कपड़ों में भी महिला और पुरुष पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, गोमती नदी की स्वच्छता को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने नालों को टैप करने और नदी में कूड़ा जाने से रोकने के निर्देश दिए हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे पूजा सामग्री को सीधे जल में प्रवाहित न करें, इसके लिए घाटों पर 'अर्पण कलश' स्थापित किए गए हैं। प्रशासन का लक्ष्य है कि व्रतियों को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल मिले, ताकि छठ महापर्व बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सके और आस्था का यह पर्व पूरी दिव्यता के साथ मनाया जा सके।


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