अटल जयंती 2025: PM मोदी ने लखनऊ को दिया ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’, 3 महापुरुषों की 65 फीट ऊंची प्रतिमाओं का अनावरण

पार्क में बना एम्फीथिएटर, योग केंद्र और म्यूजियम इसे पर्यटन के साथ-साथ ज्ञान का भी केंद्र बनाएंगे।
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर लखनऊ को 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' के रूप में एक ऐतिहासिक सौगात दी।
65 एकड़ में फैले इस भव्य परिसर का लोकार्पण करते हुए पीएम मोदी ने भारतीय राजनीति के तीन स्तंभों अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 65 फीट ऊंची विशाल कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री ने इन प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया।
LIVE: PM Shri @narendramodi inaugurates Rashtra Prerna Sthal in Lucknow to honour the ideals of former PM Vajpayee. https://t.co/bUrbwEK1pi
— BJP (@BJP4India) December 25, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नए अध्यक्ष पंकज चौधरी की मौजूदगी
इस कार्यक्रम की एक और बड़ी विशेषता उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में हुए बदलाव के बाद पीएम मोदी का यह पहला दौरा होना रहा। यूपी भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष पंकज चौधरी के पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री का यह प्रथम लखनऊ आगमन है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहे। संगठन और सरकार का यह साझा समन्वय कार्यक्रम की भव्यता में स्पष्ट दिखाई दिया।
भारतीय राजनीति के तीन स्तंभों अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 65 फीट ऊंची विशाल कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण किया।
म्यूजियम का अवलोकन और ऐतिहासिक स्मृतियों का भ्रमण
लोकार्पण के पश्चात प्रधानमंत्री ने परिसर में बने अत्याधुनिक म्यूजियम और विभिन्न गैलरियों का गहराई से अवलोकन किया। उन्होंने विशेष रूप से 'बंगाल विभाजन' की विभीषिका को दर्शाने वाली गैलरी को देखा और जनसंघ से लेकर भाजपा तक की विकास यात्रा वाली दीर्घाओं का निरीक्षण किया।
लगभग 232 करोड़ रुपये की लागत से बने इस स्थल के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को विस्तार से जानकारी दी कि कैसे एक समय डंपिंग ग्राउंड रहे इस इलाके को राष्ट्र की प्रेरणा के केंद्र में बदल दिया गया।
डेढ़ लाख लोगों का हुजूम और बसों का मेला
प्रधानमंत्री को सुनने और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए लखनऊ और आसपास के जिलों (हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी) से लगभग डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंचे। इस भारी भीड़ को लाने-ले जाने के लिए प्रशासन द्वारा लगभग 2500 बसों की व्यवस्था की गई थी।
कार्यक्रम स्थल के आसपास बसों का लंबा काफिला किसी मेले जैसा दृश्य पैदा कर रहा था। लोगों की सुविधा के लिए 13 बड़े पार्किंग जोन बनाए गए थे, जहा हजारों की संख्या में बसें और निजी वाहन खड़े किए गए।
किले में तब्दील लखनऊ और अभेद्य सुरक्षा घेरा
सुरक्षा की दृष्टि से पूरी राजधानी को एक अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया था। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। सुरक्षा व्यवस्था में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ SPG, ATS, NSG और RAF की टुकड़ियां अलर्ट मोड पर रहीं।
चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी रखी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने अमौसी एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक के पूरे मार्ग को 'नो फ्लाई जोन' घोषित कर कड़ी घेराबंदी की थी ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और वैचारिक पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में इस पार्क को उत्तर प्रदेश की नई वैचारिक पहचान बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थल केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रवाद की पाठशाला बनेगा। पार्क में बना एम्फीथिएटर, योग केंद्र और म्यूजियम इसे पर्यटन के साथ-साथ ज्ञान का भी केंद्र बनाएंगे।
