जय श्री राम: अयोध्या के शिखर पर लहराया सनातन का गौरव! PM मोदी ने फहराई धर्म ध्वजा, वर्षों की तपस्या हुई पूरी

यह ध्वज मीलों दूर से भी भक्तों को रामलला के नव-निर्मित निवास की उपस्थिति का आभास कराएगा है।
आयोध्या : अयोध्या में भगवान रामलला का भव्य मंदिर वर्षों की निरंतर और अथक साधना का परिणाम है, जो अब सनातन धर्म के शिखर के रूप में खड़ा हो चुका है। आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के शिखर पर भव्य धर्म ध्वजा फहराकर इस ऐतिहासिक निर्माण कार्य की पूर्णता को संपूर्ण विश्व के सामने घोषित कर दिया है।
5 अगस्त 2020 को शिलान्यास किए जाने के बाद से यह निर्माण कार्य तेज गति से चला। यह सिर्फ ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक है। निर्माण की चुनौतियों को पार करते हुए, रामलला के इस नए और सुरक्षित आशियाने के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपये की लागत आई है।
प्रधानमंत्री द्वारा किए गए इस ध्वजारोहण ने देश भर के करोड़ों राम भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक और भावुक क्षण को साकार किया है।
प्रधानमंत्री द्वारा धर्म ध्वज फहराना- एक ऐतिहासिक पल
राम मंदिर के निर्माण के बाद आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मंदिर के मुख्य शिखर पर विशाल धर्म ध्वजा को फहराया। प्रधानमंत्री ने यह कार्य विधिवत पूजा-अर्चना के बाद किया।
यह ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य की केवल पूर्णता को ही नहीं दर्शाता, बल्कि यह उस सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संकल्प की दिव्यता का शंखनाद है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, यह ध्वजारोहण एक लंबी प्रतीक्षा के बाद अपनी पूर्ण अभिव्यक्ति है।
निर्माण की विशालता और इंजीनियरिंग के समाधान
राम मंदिर का निर्माण भारतीय स्थापत्य कला की नागर शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है, लेकिन इसके निर्माण में कई बड़ी इंजीनियरिंग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। प्रारंभिक परीक्षण के दौरान, जब नींव के लिए टेस्ट पाइलिंग की गई, तो वह तकनीकी रूप से विफल हो गई थी, जिसे बाद में विशेष इंजीनियरिंग और डिज़ाइन के माध्यम से दूर किया गया।
गर्भगृह, मंडप और परिक्रमा पथ के साथ-साथ मंदिर के निर्माण में कुल लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आई है, जो इसे आधुनिक भारत की सबसे महंगी धार्मिक परियोजनाओं में से एक बनाती है।
शिखर की भव्यता और धर्म ध्वज की शान
मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 160 फीट है, जो अयोध्या के क्षितिज पर अपनी भव्यता बिखेर रहा है। इस शिखर के ऊपर स्थापित किया गया धर्म ध्वज-दंड इस ऊंचाई को और बढ़ा देता है, जिससे ध्वज की कुल ऊंचाई लगभग 191 फीट तक पहुँच जाती है।
यह विशाल ध्वज मीलों दूर से भी भक्तों को रामलला के नव-निर्मित निवास की उपस्थिति का आभास कराएगा है। प्रधानमंत्री द्वारा फहराया गया यह विशेष ध्वज तीन परतों में सिल्क का उपयोग करके तैयार किया गया था, जिसके किनारों पर गोल्डन फैब्रिक लगाया गया, जो सूर्य की रोशनी में स्वर्णिम आभा बिखेरता है, जिससे यह सनातन की शक्ति और विजय का प्रतीक बन जाता है।
