PM Modi Ayodhya Visit: अयोध्या में ध्वजारोहण से पहले दिव्यता का अद्भुत नज़ारा, रामनगरी में सुरक्षा कवच हुआ अभेद्य

पीएम मोदी माता सीता और प्रभु श्रीराम के विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर अभिजीत मुहूर्त में धर्म ध्वजा फहराएंगे।
अयोध्या: ऐतिहासिक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर होने वाले धर्म ध्वज स्थापना समारोह को लेकर पूरे देश और दुनिया के श्रद्धालुओं में अभूतपूर्व उत्साह है। रामनगरी अयोध्या का बदला हुआ भव्य और दिव्य स्वरूप देखकर भक्तगण गदगद हैं, जो इसे एक नए आध्यात्मिक और आधुनिक तीर्थस्थल के रूप में अनुभव कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इस ऐतिहासिक ध्वज को मंदिर के 191 फीट ऊँचे शिखर पर स्थापित करने वाले हैं, जिसके लिए पूरी नगरी को अभेद्य सुरक्षा घेरे में बदल दिया गया है, जिसकी कमान एटीएस और एनएसजी कमांडो ने संभाल ली है।
अयोध्या की दिव्यता देख गदगद हुए श्रद्धालु - आध्यात्मिक पर्यटन का नया केंद्र
अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर पूर्ण रूप से बनने के बाद पहली बार होने जा रहे इस महत्वपूर्ण समारोह ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया है। देश के कोने-कोने से लेकर रूस और अन्य विदेशी पर्यटक भी यहां की सुंदरता और आध्यात्मिक शांति से अभिभूत हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या ने एक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक नगर का रूप ले लिया है, जहा आधुनिक सुविधाएं, स्वच्छता और दिव्य वातावरण का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त पर होगा धर्म ध्वज का ऐतिहासिक आरोहण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को माता सीता और प्रभु श्रीराम के विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराएंगे।
यह ध्वज 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा समकोण तिकोना है, जिस पर भगवान श्रीराम की वीरता और शौर्य का प्रतीक चमकता सूरज चित्रित है। इस ध्वज पर 'ॐ' के साथ कोविदारा पेड़ की कलाकृति भी उकेरी गई है।
मंदिर के 191 फीट ऊँचे शिखर पर इस ध्वज की स्थापना एक नए युग का प्रतीक होगी। ध्वजारोहण के बाद, प्रधानमंत्री मंदिर परिसर के सप्तमंदिरों और माता अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे और राम दरबार के गर्भगृह में शीश नवाएंगे। यह क्षण अयोध्या के लिए एक चिरस्मरणीय धार्मिक और राष्ट्रीय महत्व का अवसर होगा।
एटीएस-एनएसजी के हवाले सुरक्षा कवच - पांच-स्तरीय व्यवस्था लागू
प्रधानमंत्री के आगमन और समारोह की संवेदनशीलता को देखते हुए रामनगरी को अभेद किले में बदल दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की कमान एटीएस कमांडो और एनएसजी स्नाइपर की दो-दो टीमों ने संभाल ली है, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
संपूर्ण क्षेत्र में छह हजार नौ सौ सत्तर (6970) से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। कानून व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ 90 तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी निगरानी कर रही है। अयोध्या में पांच-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें सीसीटीवी मॉड्यूल, एक्स-रे स्कैनिंग मशीनें, हाई रिस्पॉन्स वैन, बम निरोधक दस्तों की 9 टीमें और माइंस टीम शामिल हैं।
अतिथियों को विशेष सुरक्षा कोड वाले प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं और पूरी व्यवस्था पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं व्यक्तिगत रूप से नजर बनाए हुए हैं।
सीएम योगी ने किया निरीक्षण, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे अयोध्या
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुंचकर समारोह स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया और स्वयं सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को सभी तैयारियों को समय पर और त्रुटिरहित ढंग से पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा घेरे की समीक्षा की और यह सुनिश्चित किया कि प्रधानमंत्री के आगमन और समारोह के दौरान किसी भी प्रकार की चूक न हो। इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी इस ऐतिहासिक अवसर के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं।
संघ प्रमुख का आगमन समारोह के आध्यात्मिक और सांगठनिक महत्व को और बढ़ा देता है। उनकी उपस्थिति से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े और देश भर से आए गणमान्य व्यक्तियों और पदाधिकारियों में भी उत्साह है।
