यूपी में शुरू होगा 'कृषि परिवर्तन' का दौर: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को मिली नई गति, पहले चरण में 12 जिलों का चयन

यह योजना उत्तर प्रदेश के कृषि परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को अब तेज़ी मिलेगी। राज्य सरकार ने योजना के क्रियान्वयन के लिए पहले चरण में प्रदेश के 12 जिलों का चयन किया है, जिससे इन क्षेत्रों में कृषि विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
यह पहल किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने, बेहतर बीज और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने पर केंद्रित है। चयनित जिलों में योजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए जिला स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। यह योजना उत्तर प्रदेश के कृषि परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।
चयनित 12 जिलों में कृषि विकास का खाका
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को गति देने के लिए पहले चरण में प्रदेश के 12 ऐसे जिलों को चुना गया है, जहां कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार की व्यापक गुंजाइश है। इन जिलों में योजना के तहत मिट्टी की सेहत सुधारने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के वितरण को प्राथमिकता दी गई है। पहले चरण में प्राप्त सफलता के मॉडल को राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सके।
आधुनिक तकनीक और बेहतर बीज पर जोर
उत्तर प्रदेश सरकार आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत बीजों के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' के माध्यम से किसानों को सब्सिडी पर आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जो श्रम और समय दोनों की बचत करेंगे। इसके अलावा, किसानों को जलवायु-अनुकूल और अधिक उपज देने वाली बीज किस्मों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि इन 12 जिलों के किसानों को डिजिटल कृषि सेवाओं से जोड़ा जाए, जिससे वे मौसम संबंधी जानकारी, बाजार मूल्य और सरकारी योजनाओं की जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकें। विशेषज्ञ कृषि वैज्ञानिकों की टीमें इन जिलों का दौरा करेंगी और किसानों को खेत की तैयारी से लेकर फसल कटाई तक वैज्ञानिक सलाह प्रदान करेंगी।
किसानों की आय और आर्थिक सुदृढ़ीकरण
'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' का अंतिम लक्ष्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है। यह योजना केवल उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि किसानों को उनकी उपज का उचित और लाभकारी मूल्य मिले। इसके लिए, चयनित जिलों में कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स जैसी कटाई उपरांत बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, किसानों को सीधे ई-नाम (e-NAM) जैसी ऑनलाइन मंडियों से जोड़ा जाएगा ताकि वे बिचौलियों से बचकर राष्ट्रीय बाजार में अपनी फसल बेच सकें।
