लखनऊ एयरपोर्ट पर यात्रियों का 'महा-हंगामा': इंडिगो-एयर इंडिया की 15 उड़ानें रद्द होने पर 14 घंटे तक फंसे रहे लोग!

यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइंस बिना किसी पूर्व सूचना के अंतिम समय में उड़ानें रद्द कर रही हैं।
लखनऊ : लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पिछले कई दिनों से विमानन कुप्रबंधन और तकनीकी खराबी का केंद्र बना हुआ है, जिससे यात्रियों को अभूतपूर्व परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को स्थिति तब और गंभीर हो गई जब इंडिगो और एयर इंडिया की 15 उड़ानें रद्द हो गईं और कई घंटों की देरी हुई। इस निराशाजनक अनुभव के चलते 14 घंटे से फंसे यात्रियों ने टर्मिनल-3 पर जमकर हंगामा किया।
इंडिगो और एयर इंडिया की अव्यवस्था - 15 उड़ानों का निलंबन
शुक्रवार को इंडिगो एयरलाइंस ने अपनी सर्वाधिक उड़ानें निरस्त कीं, जिनमें दिल्ली, बैंगलोर, कोलकाता, पुणे और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों के लिए जाने वाली उड़ानें शामिल थीं। एयर इंडिया की दिल्ली की एक महत्वपूर्ण उड़ान भी रद्द कर दी गई।
यह लगातार दूसरा दिन था जब एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ; बृहस्पतिवार को भी मौसम और तकनीकी कारणों का हवाला देकर 14 उड़ानें निरस्त हुई थीं, जिनमें 12 इंडिगो की थीं।
यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइंस बिना किसी पूर्व सूचना के अंतिम समय में उड़ानें रद्द कर रही हैं, जिससे उनकी यात्रा योजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
टर्मिनल-3 पर यात्रियों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
उड़ानों में घंटों की देरी और फिर अचानक निरस्तीकरण से आक्रोशित यात्रियों ने सुबह नौ बजे के करीब टर्मिनल-3 पर भारी हंगामा किया और एयरलाइंस के खिलाफ नारेबाजी की। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें रात भर एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा।
यात्रियों के सोशल मीडिया पोस्ट्स और ऑन-ग्राउंड विरोध प्रदर्शन ने एयरपोर्ट अधिकारियों को तत्काल हस्तक्षेप के लिए मजबूर किया।
एक यात्री सुनील डी शालिग्राम ने गंभीर आरोप लगाया कि पुणे की उड़ान रद्द होने के बाद उनका बेटा 14 घंटे तक एयरपोर्ट पर असहाय फंसा रहा, लेकिन एयरलाइंस की तरफ से कोई मदद या सूचना नहीं दी गई।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव - न भोजन, न होटल
यात्रियों की मुख्य शिकायत यह थी कि उड़ानें रद्द होने के बावजूद एयरलाइंस ने न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं को भी उपलब्ध नहीं कराया। एयरपोर्ट नियमों के अनुसार, अगर उड़ानें लंबे समय के लिए विलंबित या रद्द होती हैं, तो एयरलाइंस को यात्रियों के लिए भोजन, जलपान और रात बिताने के लिए होटल की व्यवस्था करनी होती है।
आनंद वसंत जैसे कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें न तो वैकल्पिक उड़ान का समायोजन मिला और न ही होटल या भोजन की कोई व्यवस्था की गई। यात्रियों को कड़ाके की ठंड में एयरपोर्ट के फर्श पर रात बिताने को मजबूर होना पड़ा, जिससे एयरलाइंस की यात्री-सेवा और प्रबंधन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
विमानन सेवाओं की साख को लगा झटका और आगे की अनिश्चितता
लगातार उड़ानों का रद्द होना और यात्रियों का गुस्सा विमानन सेवाओं की विश्वसनीयता को बड़ा झटका दे रहा है। यात्रियों ने विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से एयरलाइंस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या केवल तकनीकी नहीं, बल्कि कुशल स्टाफ की कमी और संचालन क्षमता के कुप्रबंधन से जुड़ी है।
जब तक एयरलाइंस अपने परिचालन तंत्र को दुरुस्त नहीं करती, तब तक अमौसी एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अनिश्चितता और परेशानी का यह दौर जारी रह सकता है।
