यूपी मे स्वास्थ्य क्रांति: एक साल मे 45 करोड़ OPD और 8 करोड़ IPD, 5 लाख मेजर ऑपरेशन, से यूपी बना सेवा का केंद्र!

Over 45 crore OPD done by up govt hospitals per year
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मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा यूपी में प्रतिवर्ष 45 करोड़ से अधिक मरीजों को OPD में देखा जाता है। 

यूपी के बदलते स्वास्थ्य परिदृश्य मे रिकॉर्डतोड़ 45 करोड़ OPD और 8 करोड़ IPD के साथ-साथ 84 नई परियोजनाओं से विकास को मिली गति, हर नागरिक को मिल रही उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएँ।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। हाल ही में, राज्य के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने चिकित्सा शिक्षा, संसदीय कार्य और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के साथ मिलकर इंदिरा नगर स्थित SIHFW में 484.69 करोड़ रुपये की 84 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम ने न सिर्फ़ प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि कुछ ऐसे चौंकाने वाले आँकड़े भी सामने रखे जो राज्य की चिकित्सा सेवाओं की विशालता और पहुंच को प्रमाणित करते हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के चौंकाने वाले आँकड़े

इस अवसर पर, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में हर साल 45 करोड़ से अधिक मरीजों को ओपीडी में देखा जाता है, जबकि 8 करोड़ से ज़्यादा लोग आईपीडी में इलाज कराते हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि राज्य का स्वास्थ्य तंत्र कितनी बड़ी आबादी को कवर कर रहा है। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों में प्रतिवर्ष 8.5 लाख से ज़्यादा माइनर ऑपरेशन और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 5.5 लाख से अधिक मेजर ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं।

मेडिकल कॉलेजों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि

उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आया है। मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने यह घोषणा भी की है कि प्रदेश का 81वाँ मेडिकल कॉलेज उनके गृह जनपद अमेठी की तिलोई विधानसभा में शुरू हो गया है। इस तरह, मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि से न केवल एमबीबीएस की सीटें बढ़ी हैं, बल्कि ग्रामीण और दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए प्रमुख बदलाव

पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है, जिससे लाखों लोगों को लाभ हुआ है। इसके अलावा, सरकार ने हर ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को हर नागरिक तक पहुंचाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) को मजबूत किया गया है, जिससे छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज गाँव स्तर पर ही संभव हो पा रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रॉमा सेंटर और कैंसर इंस्टीट्यूट जैसे विशिष्ट चिकित्सा संस्थान भी स्थापित किए गए हैं।

डिजिटल स्वास्थ्य और टेलीमेडिसिन का प्रसार

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल क्रांति को भी बढ़ावा दिया है। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से दूर-दराज़ के गाँवों में बैठे मरीज़ विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ले पा रहे हैं। इस पहल से मरीजों को अनावश्यक रूप से बड़े शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ती और उनका समय और पैसा दोनों बचता है। हेल्थ आईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे मरीज़ों का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा और इलाज में सुविधा होगी।

भविष्य की योजनाएं और लक्ष्य

सरकार की योजना केवल मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसका लक्ष्य स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करना है। आने वाले समय में, प्रदेश के सभी ज़िला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक उपकरणों और मल्टी-स्पेशियलिटी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत नए अस्पतालों का निर्माण भी प्रस्तावित है। "वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज" के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए भी काम चल रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य 2047 तक उत्तर प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं वाला राज्य बनाना है, जहां हर नागरिक को बिना किसी बाधा के उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो।

जन औषधि केंद्र- सस्ती दवाइयों का बड़ा सहारा

​उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में जन औषधि केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त पहल का उद्देश्य आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों पर मिलने वाली जेनरिक दवाइयां, ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।


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