बिहार चुनाव में गठबंधन धर्म का उल्लंघन: ओपी राजभर ने भाजपा नेताओं पर लगाया नजरअंदाज़ करने का गंभीर आरोप

ओपी राजभर ने भाजपा नेताओं पर लगाया नजरअंदाज़ करने का गंभीर आरोप
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सुभासपा ने अपनी तैयारी को दर्शाते हुए 47 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है।

राजभर ने कहा कि इन नेताओं ने व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण सुभासपा को नजरअंदाज किया, जो गठबंधन धर्म के खिलाफ है। सुभासपा बिहार विधानसभा चुनाव में 153 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान पहले ही कर चुकी है और 47 उम्मीदवार उतार चुकी है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को लखनऊ में हुई पार्टी की प्रदेश स्तरीय संगठन समीक्षा बैठक में बिहार भाजपा के कुछ प्रमुख नेताओं पर व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते सुभासपा को जानबूझकर नजरअंदाज करने का सीधा आरोप लगाया। राजभर ने इस व्यवहार को 'गठबंधन धर्म' के खिलाफ और बिहार की जनता के साथ अन्याय बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुभासपा की जमीनी ताकत को कम करके आंका गया, जिसके कारण सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बैठक में शामिल होकर सुभासपा संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया और कहा कि दोनों दलों की जुबान एक है, जिससे यूपी गठबंधन मजबूत बना रहेगा।

व्यक्तिगत स्वार्थ ने बिगाड़ी बात-बिहार भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को पुरनिया चौराहा स्थित लोहिया भवन में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिहार भाजपा के कुछ नेताओं ने निजी स्वार्थों के चलते केंद्रीय नेतृत्व को सुभासपा की वास्तविक क्षमता के बारे में गलत रिपोर्ट दी, जिसके कारण बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को गठबंधन में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला।

राजभर ने कहा कि यदि एनडीए ने सुभासपा के कार्यकर्ताओं की निष्ठा और जनता में उनकी पकड़ का उपयोग किया होता, तो गठबंधन को बड़ा फायदा होता, लेकिन 'गठबंधन धर्म' का पालन नहीं किया गया। उन्होंने साफ किया कि पार्टी बिहार में जनसंपर्क जारी रखेगी और सामाजिक न्याय की आवाज उठाती रहेगी। राजभर के इस बयान से बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर हुई अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है।

153 सीटों पर लड़ने का ऐलान कायम, उम्मीदवार भी उतारे

भले ही राजभर ने शुक्रवार को ताज़ा आरोप लगाए, लेकिन बिहार में अपनी उपेक्षा से नाराज सुभासपा ने पहले ही बड़ा राजनीतिक कदम उठा लिया है। गठबंधन में सीटें न मिलने के बाद पार्टी ने पहले ही बिहार की 153 सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सुभासपा ने अपनी तैयारी को दर्शाते हुए 47 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। राजभर ने यह भी खुलासा किया था कि उन्होंने पहले 29 सीटों की मांग की थी, जिसे बाद में घटाकर 4-5 सीटें कर दिया गया था, लेकिन बात नहीं बनी। अब सुभासपा बिहार में भागीदारी पार्टी जैसे छोटे दलों के साथ मिलकर एक मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ रही है।

राजभर का कहना है कि वे अभी भी 3-4 सीटें मिलने पर अपने उम्मीदवार वापस ले सकते हैं, लेकिन अपनी उपेक्षा की 'सजा' बिहार के उन नेताओं को मिलेगी, जिन्होंने गलत फीडबैक दिया।

हालांकि उन्होंने कहा बिहार चुनाव को लेकर चल रहे इस टकराव के बीच, उत्तर प्रदेश में सुभासपा और भाजपा का गठबंधन मजबूत बना हुआ है।

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