उड़ान भरने को तैयार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: फाइनल कैलिब्रेशन सफल, एयरोड्रम लाइसेंस मिलने का रास्ता साफ!

डीजीसीए की हरी झंडी के बाद जल्द शुरू होंगी वाणिज्यिक उड़ानें।
नॉएडा : उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अब कमर्शियल ऑपरेशन की दिशा में एक निर्णायक कदम बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एयरपोर्ट पर पहली कैलिब्रेशन फ़्लाइट की सफल लैंडिंग हो चुकी है। यह कैलिब्रेशन फ़्लाइट किसी भी नए एयरपोर्ट को ऑपरेशनल बनाने से पहले की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी प्रक्रिया होती है।
इस दौरान नागर विमानन महानिदेशालय के दल ने एक विशेष विमान का उपयोग करके रनवे पर स्थापित इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), वीएचएफ ओमनीडायरेक्शनल रेंज (VOR), और संचार प्रणालियों (ATC) की सटीकता और विश्वसनीयता की जांच की।
डीजीसीए की हरी झंडी के बाद जल्द शुरू होंगी कमर्शियल उड़ानें
कैलिब्रेशन फ़्लाइट की सफलता के बाद, अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। यह लाइसेंस डीजीसीए द्वारा जारी किया जाता है और किसी भी एयरपोर्ट पर वाणिज्यिक उड़ानों के संचालन के लिए अनिवार्य होता है। एयरपोर्ट प्रबंधन जल्द ही फ्लाइट टेस्ट की अंतिम रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपेगा। लाइसेंस मिलने के साथ ही विमानन कंपनियां यहां से टिकटों की बुकिंग शुरू कर देंगी।
एयरपोर्ट का इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह तैयार, सुरक्षा का जिम्मा CISF के हाथ
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पहले चरण में लगभग पूरा हो चुका है। यात्रियों के लिए टर्मिनल-1, एक 3,900 मीटर लंबा रनवे, और अन्य एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से तैयार है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने औपचारिक रूप से एयरपोर्ट की कमान संभाल ली है। एयरपोर्ट ने पहले ही इंडिगो और आकासा एयर जैसी प्रमुख विमानन कंपनियों के साथ समझौते कर लिए हैं, जो यहां से उड़ानें शुरू करने वाली शुरुआती कैरियर होंगी।
यह एयरपोर्ट देश का पहला मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब भी बनेगा, जहां सड़क, रेल और रैपिड रेल की सीधी कनेक्टिविटी होगी, जिससे यह दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक विश्वस्तरीय प्रवेश द्वार बन जाएगा।
