दिल्ली ब्लास्ट मामला: डॉ. शाहीन के घर पर NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी!

जांच में सामने आया है कि शाहीन अपने साथियों के साथ दो वर्षों से विस्फोटक सामग्री जमा कर रही थी।
लखनऊ : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। सोमवार की सुबह NIA की टीमों ने देश भर में आठ स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन सईद के घर पर भी गहन तलाशी ली गई।
शाहीन, जिन्हें इस 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल का 'मैडम सर्जन' कहा जा रहा है, पहले ही गिरफ्तार हो चुकी हैं। छापेमारी का मुख्य उद्देश्य दिल्ली ब्लास्ट मॉड्यूल को संसाधन, फंडिंग और लॉजिस्टिक्स सुविधा प्रदान करने वाले पूरे नेटवर्क को उजागर करना है।
VIDEO | Lucknow: NIA conducts raids at the residence of Delhi blast accused Dr Shaheen in Khandari Bazaar.#NIA #DelhiBlast #Lucknow
— Press Trust of India (@PTI_News) December 1, 2025
(Full VIDEO available on PTI Videos https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/JG8OACk0YO
NIA की लखनऊ में कार्रवाई- डॉ. शाहीन के भाई-पिता से पूछताछ
NIA की दो टीमों ने लखनऊ के खंदारी बाजार स्थित डॉ. शाहीन सईद के आवास और मड़ियांव में उनके सहयोगी परवेज के ठिकाने पर छापा मारा। डॉ. शाहीन को दिल्ली ब्लास्ट की साजिश का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वह पहले कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में प्रवक्ता और विभागाध्यक्ष रह चुकी हैं।
छापेमारी के दौरान, NIA अधिकारियों ने डॉ. शाहीन के पिता सईद अंसारी और उनके भाई डॉ. परवेज अंसारी से लंबी पूछताछ की। परवेज को भी NIA ने हिरासत में लिया है।
तलाशी में घरों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज़ और कुछ संदिग्ध सामग्री जब्त की गई है, जिससे फंडिंग और आतंकी गतिविधियों से जुड़े अहम सुराग मिलने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन के बैंक खातों में पिछले सात वर्षों में करीब 1.55 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन मिला था, जिसकी जांच पहले से ही ATS और NIA कर रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में भी ताबड़तोड़ रेड, जाइश के मॉड्यूल पर शिकंजा
लखनऊ के अलावा, NIA की टीमों ने जम्मू-कश्मीर के चार जिलों में भी एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें काज़ीगुंड में डॉ. अदील और जासिर बिलाल, शोपियां में मौलवी इरफान और पुलवामा के कोइल में डॉ. मुजम्मिल के घर शामिल हैं।
सांबूरा में आमिर राशिद के निवास पर भी रेड की गई है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 'जामात-उल-मोमिनात' नामक महिला विंग से जुड़ा हो सकता है, जिसकी कमान डॉ. शाहीन के हाथ में थी। छापेमारी का उद्देश्य ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकी मॉड्यूल को समर्थन, धन और संसाधन उपलब्ध कराने वाले लोगों की पहचान करना और पूरे नेटवर्क को खत्म करना है।
व्हाइट कॉलर मॉड्यूल और बरामद विस्फोटक का कनेक्शन
दिल्ली ब्लास्ट के तार एक 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हैं, जिसमें डॉक्टर और शिक्षित पेशेवर शामिल हैं। ब्लास्ट को रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को एक कार-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस से अंजाम दिया गया था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी।
ब्लास्ट से कुछ ही समय पहले, एजेंसियों ने फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 2,900 किलोग्राम जिसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल था, जब्त की थी।
NIA डॉ. शाहीन को फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस में भी ले गई थी, जहां विस्फोट की साजिश रचने के लिए कथित तौर पर बैठकों का आयोजन हुआ था। जांच में सामने आया है कि शाहीन अपने साथियों के साथ दो वर्षों से विस्फोटक सामग्री जमा कर रही थी।
