UP के 4 चेहरे: भाजपा ने हारी सीटों पर प्रत्याशी बनाकर चौंकाया, जानें कौन हैं कृपाशंकर, रितेश पांडेय, साकेत मिश्रा और ओम कुमार

BJP candidate Kripashankar Singh, Ritesh Pandey, Saket Mishra and Om Kumar
X
BJP candidate Kripashankar Singh, Ritesh Pandey, Saket Mishra and Om Kumar
Lok Sabha Elections 2024: भाजपा ने UP की अम्बेडकर नगर से बसपा सांसद रितेश पांडेय, जौनपुर से महराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, श्रावस्ती से साकेत मिश्रा और नगीना से ओम कुमार को टिकट दिया है। यह चारों नेता खासे चर्चित और लोकप्रिय हैं।

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। इसमें उत्तर प्रदेश के 51 उम्मीदवार शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहिमत 7 केंद्रीय मंत्री , 38 सिटिंग सांसद और हारी हुई चार सीटों पर नए चेहरे उतारे हैं।

भाजपा ने यूपी की हारी हुई चार सीटों पर जिन नए चेहरों को प्रत्याशी बनाया है। उनमें अम्बेडकर नगर से बसपा के सिटिंग सांसद रितेश पांडेय, जौनपुर से महराष्ट्र सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे कृपाशंकर सिंह, श्रावस्ती से साकेत मिश्रा और नगीना से ओम कुमार को टिकट मिला है। यह सभी चर्चित और लोकप्रिय चेहरे हैं। आइए जानते हैं भाजपा ने दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर आखिर क्यों इन पर दांव लगाया।

UP की हारी हुई 4 सीटों पर भाजपा ने इन्हें बनाया प्रत्याशी

  1. कृपाशंकर सिंह: लैब असिस्टेंट से गृहमंत्री तक का तय किया सफर
    भारतीय जनता पार्टी ने जौनपुर लोकसभा सीट पर कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है। कृपाशंकर सिंह जौनपुर के सहोदरपुर गांव में सामान्य किसान परिवार में जन्मे थे। 21 साल की उम्र में वह मुंबई चले गए। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1972 में लैब असिस्टेंट की नौकरी करने वाले कृपाशंकर सिंह ने 1977 में सियासत में कदम रखा। महाराष्ट्र कांग्रेस से राजनीतिक पारी शुरू करने के बाद महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री भी बने। जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाने जाने के मुद्दे पर 4 साल पहले भाजपा से प्रभावित होकर कृपाशंकर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
  2. साकेत मिश्रा: IPS छोड़ शुरू की कंपनी, अब लोकसभा की तैयारी
    उत्तर प्रदेश की श्रावस्ती लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए गए साकेत मिश्रा भाजपा MLC और पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार हैं। उनके पिता नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे हैं। वर्तमान में वह राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। साकेत मिश्रा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और कोलकोता IIM से मैनेजेंट की पढ़ाई करने के बाद IPS आफिसर बने, लेकिन नौकरी छोड़कर विदेश चले गए थे। 18 साल तमाम विदेशी संस्थानों में सेवाएं देने के बाद भारत लौटे और MSME सेक्टर की कंपनी शुरू की। 2017 में योगी सरकार बनने के बाद साकेत मिश्रा सियासत में एक्टिव हो गए। 2018 में भाजपा ज्वाइन की और पूर्वांचल विकास बोर्ड का सलाहकार और फिर विधान परिषद के सदस्य चुने गए। भाजपा ने श्रावस्ती जिस सीट से साकेत को लोकसभा भेजना चाहती है। वहां से उनके नाना बदलू राम शुक्ला पांच बार सांसद रहे हैं।
  3. रितेश पांडेय: लंदन से पढ़ाई, बसपा से विधायक और सांसद बने अब भाजपा प्रत्याशी
    उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाए गए रितेश पांडेय 2019 में बहुजन समाजवादी पार्टी की टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे। उनके पिता राकेश पांडेय आम्बेडकर नगर की जलालपुर सीट से विधायक हैं। 2009 से 2014 तक सांसद भी रह चुके हैं। 42 वर्षीय रितेश पांडेय यूरोपियन स्कूल आफ लंदन से व्यापार प्रबंधन में पढ़ाई करने के बाद सात साल पहले सियासत में कदम रखा था। 2017 के चुनाव में जलालपुर से विधायक निर्वाचित हुए थे। 2019 के चुनाव में रितेश ने योगी सरकार के मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को हराकर संसद में पहुंचे थे। मायावती ने रितेश को बसपा सांसद दल का नेता बनाया था। लेकिन टिकट घोषित होने के चंद दिनों पहले ही उन्होंने पाला बदल लिया।
  4. ओम कुमार: भारतीय सेना से रिटायर्ड होकर विधायक बने, अब संसद की बारी
    उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा (आरक्षित) सीट उम्मीदवार बनाए गए ओम कुमार बिजनौर जिले के नहटौर से विधायक हैं। महेश्वरी जाट निवासी कल्लू सिंह के यहां जन्मे ओम कुमार ने बहुजन समाज पार्टी से अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। 2012 में नहटौर सीट से पहली बार विधायक चुने गए। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन कर ली। 2017 और 2022 में बीजेपी के सिम्बल पर विधायक बने। नगीना लोकसभा सीट से वह पत्नी शोभारानी को चुनाव लड़ाना चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने ओम कुमार पर भरोसा जताया है। इस सीट से दो दर्जन दावेदार से अधिक दावेदार थे। सियासत से पहले ओम कुमार ने इंडियन आर्मी में सेना के जवान और वहां से रिटायर्ड होकर सिक्योरिटी कंपनी शुरू की थी।
WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story