Nepal Violence: नेपाल में हिंसा से बिगड़े हालात, उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट; देखें DGP की PC

नेपाल हिंसा के बीच यूपी अलर्ट, सीमावर्ती जिले सील
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नेपाल हिंसा के बीच यूपी अलर्ट, सीमावर्ती जिले सील

नेपाल में हिंसा के बाद यूपी में हाई अलर्ट, 7 सीमावर्ती जिलों में PAC तैनात। डीजीपी राजीव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया पूरा प्लान।

Nepal Violence 2025: नेपाल में जारी हिंसा को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बुधवार (10 सितंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी विस्तृत जानकारी दी। बताया, नेपाल सीमा से सटे यूपी के 7 जिलों में PAC की दो-दो कंपनियां तैनात की गई हैं। उन्होंने नेपाल में फंसे भारतीयों को मदद का आश्वासन भी दिया है।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख (DGP) राजीव कृष्ण ने नेपाल की मौजूदा स्थिति को सावधानी की दृष्टि से गंभीर बताया। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा सख्त

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज समेत उत्तर प्रदेश के 7 जिलों में PAC की दो-दो कंपनियां तैनात की गई हैं। स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट किया है।

SSB के साथ समन्वय

डीजीपी ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक से लगातार संपर्क में हैं ताकि सीमा सुरक्षा और इंटेलिजेंस शेयरिंग को मजबूत किया जा सके।

नेपाल में फंसे भारतीयों को मदद

डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा, कोई भारतीय नागरिक यदि नेपाल सीमा पर फंसा है तो यूपी पुलिस नेपाल की सेना और पुलिस से समन्वय कर हरसंभव मदद पहुंचाएगी।

सीमा पर आवागमन फिलहाल बंद

सुरक्षा के लिहाज़ से नेपाल सीमा पर रूटीन मूवमेंट को रोक दिया गया है। ताकि, किसी भी घुसपैठ या तनावपूर्ण स्थिति को समय रहते संभाला जा सके।

UP में क्यों बढ़ाई गई सुरक्षा?

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और युवाओं के नेतृत्व में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने प्रशासन को चिंतित कर दिया है। नेपाल सीमा से जुड़ा उत्तर प्रदेश का यह इलाका संवेदनशील माना जाता है। यहां सीमापार गतिविधियों का असर तुरंत देखने को मिलता है।

नेपाल बार्डर पर पहले भी रहे तनाव

इतिहास में पहले भी नेपाल-भारत सीमा (UP-Nepal Border) पर आपसी तनाव और स्थानीय विरोध प्रदर्शन के चलते सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया है। इस बार सरकार प्रोएक्टिव मोड पर है।

सोर्स: लखनऊ ब्यूरो, हरिभूमि

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