UP मिशन 2027: भाजपा-संघ की महत्वपूर्ण बैठक, पंचायत और MLC चुनावों के बहाने बड़े लक्ष्यों पर फोकस

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UP News: मिशन 2027 के तहत यूपी में बीजेपी और संघ की अहम बैठक, पंचायत और एमएलसी चुनावों के बहाने संगठनात्मक रणनीति और जनसंपर्क को लेकर मंथन।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और विधानपरिषद की 11 सीटों के लिए बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मिलकर रणनीति बनाने का फैसला किया है। दरअसल बीजेपी अब लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान के बाद संघ के साथ अपने संबंधों को फिर से मजबूत कर रही है।

रविवार को लखनऊ में होने वाले इस बैठक का उद्देश्य संगठनों के बीच तालमेल को और बेहतर करना है। इस बैठक में बीजेपी और संघ मिलकर न केवल चुनावी रणनीति बनाएंगे, बल्कि विपक्ष के हमलों का भी जवाब देंगे। इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री धर्मपाल सिंह के साथ-साथ सभी क्षेत्रीय अध्यक्ष भी शामिल होंगे।

लोकसभा चुनाव से मिली सीख

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में इस बात की चर्चा थी कि संघ के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा ने बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचाया। इसी को देखते हुए बीजेपी अब दोबारा संघ की मदद लेने की तैयारी में है। संघ भी यह महसूस कर रहा है कि अगर बीजेपी कमजोर होती है, तो इसका असर उसके अपने कामों पर भी पड़ेगा। इसलिए दोनों संगठन फिर से साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।

युवाओं की नाराजगी एक बड़ा मुद्दा

हाल ही में, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुए विवाद के बाद संघ ने नाराजगी जताई थी। इस बैठक में युवाओं की इस नाराजगी को कम करने पर भी चर्चा होने की संभावना है।

बीजेपी के सामने चुनौतियां

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पंचायत और एमएलसी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना है। इसके साथ ही, समाजवादी पार्टी के 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले का मुकाबला करना भी बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए ही बीजेपी और संघ ने मिलकर काम करने का फैसला किया है।

इस बैठक मे कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना और उन्हें भाजपा की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव में यह महसूस किया गया था कि जमीनी स्तर पर संघ के कार्यकर्ताओं की सक्रियता में कमी आई थी। बैठक में उन्हें नई जिम्मेदारी देने और जनता के बीच फिर से जोड़ने की योजना बन सकती है।

आपको बता दें की भले ही इस बैठक में पंचायत और एमएलसी चुनावों का जिक्र हो लेकिन बीते 2024 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों का भी विस्तार से विश्लेषण किया जाएगा। बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाने पर भी चर्चा होने की संभावना है। कार्यकर्ताओं की शिकायतों को भी गंभीरता से सुना जाए ताकि आपसी विश्वास मजबूत हो सके।

सोर्स: हरिभूमि लखनऊ ब्यूरो

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